डिग्रीज का मूल्यांकन व वेरिफिकेशन के लिए विश्वविद्यालय एसोसिएशन से जुड़ने के लिए एपीजी शिमला विश्वविद्यालय का सराहनीय कदम, एपीजी के विशेष अकादमिक सत्र के दौरान बोलीं एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल
स्थानीय अलख प्रकाश गोयल (एपीजी) विश्वविद्यालय अब भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों के संगठन व एसोसिएशन में शामिल हो गया है।
शुक्रवार को एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी के नए-पुराने छात्र-ओरिटीएशन व अकादमिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहीं एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी ने छात्रों और शिक्षको को वीडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से अवगत करवाया कि अब एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रमों, मानकों और क्रेडिट मूल्यांकन से लेकर छात्रों की डिग्रीज का ऑनलाइन मूल्यांकन व सर्टिफिकेशन करेगा ताकि डिग्रीज की मौलिकता बनी रहे और छात्रों-अभिभावकों को डिग्रीज को लेकर किसी प्रकार का संशय न हो। वहीं इस कार्यक्रम के दौरान एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. रजत माथुर इस कार्यक्रम के वशिष्ट अतिथि रहे। छात्र-ओरिटीएशन कार्यक्रम में छात्रों को स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. रमेश चौधरी ने कहा कि एपीजी शमला विश्वविद्यालय छात्र-हित और समाज हित में ईमानदारी से काम कर रहा है, उन्होंने अपने कड़े संदेश में नसियत देते हुए कहा कि कुछ असामाजिक तत्व बिना ठोस तथ्यों के आधार पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के खिलाफ आये दिन झूठी खबरें फैला रहे हैं जो छात्र-हित व समाज हित में नहीं है। कुलपति चौधरी ने यह विश्वास दिलाया कि विश्वविद्यालय में किसी प्रकार का कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है और अब एपीजी शिमला विश्वविद्यालय यूजीसी की पाठ्यक्रम व छात्र-डिग्रीज का सर्टिफिकेशन करने वाली एजेंसी एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज से जुड़कर सभी प्रकार के झूठे व तथ्यहीन आरोपों के लिए अब कोई जगह नहीं हैं और किसी भी वक़्त डिग्रीयों की एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के माध्यम से ऑनलाइन सर्टिफिकेशन करवा सकते हैं। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज भारतीय विश्वविद्यालयों के एक संगठन है जो विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों, मानकों, क्रेडिट का मूल्यांकन और भारतीय विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान किये जाने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों के संबंध और डिग्रियों को समान करता है और उनका सत्यापन के साथ-साथ सर्टिफिकेशन भी करता है। डॉ’. पंकज मित्तल ने कहा कि एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज भारत और अन्य देशों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में निष्पादित सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के तहत हस्ताक्षरित समझौतों के लिए एक कार्यन्वयन ऐजेंसी भी है, यह विभिन्न पाठ्यक्रमों व डिग्रीयों का मूल्यांकन के साथ उनका वेरिफिकेशन व सर्टिफिकेशन भी करती है।
डॉ. पंकज मित्तल ने एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक प्रयासों में खरा उतरा है औऱ ऑनलाइन पढ़ाई करवाने में इस कोविड19 के दौर में भी डिजीटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बेहतर साबित किया है जिसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन, आचार्य, छात्र बधाई के पात्र हैं।
इस अवसर पर एपीजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आर.के. कायस्थ, परीक्षा नियंत्रक ज्योत्सना गौतम, डीन एकेडेमिक्स प्रो. कुलदीप कुमार, पत्रकारिता विभाग के डीन प्रो.रमेश चौहान, डॉ. अंजलि शर्मा , विभिन विभागों के विभागाध्यक्ष और आचार्य उपस्थिति रहे।