कुल्लू :
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण घाटी के कसोल में साडा विकास शुल्क के तहत जल्द ही बैरियर स्थापित किया जाएगा।
यह निर्णय साडा की बैठक में सभी सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों ने लिया है। डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि मणिकर्ण और कसोल पंचायत साडा के अंतर्गत आती है। इन दोनों पंचायतों में मूलभूत सुविधाओं के विकास कार्यो के लिए साडा विकास शुल्क लिया जाएगा। बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से साडा विकास शुल्क लिया जाएगा।
इसी के मद्देनजर साडा की बैठक में समस्त सदस्यों ने यह निर्णय लिया है कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले वाहनों से क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के सृजन के लिए ‘साडा विकास शुल्क’ लगाया जाएगा। डीसी ने कहा कि यह शुल्क हिमाचल प्रदेश के वाहनों से नहीं वसूला जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि ‘साडा विकास शुल्क’ कितना होगा, इसका निर्धारण किया जा रहा है और कसोल से पहले किस स्थान पर शुल्क वसूली के लिए बैरियर स्थापित किया जाएगा, इसके लिए उपयुक्त स्थान का चयन जल्द कर लिया जाएगा। इन सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए साडा के अधिकारियों ने कार्य शुरू कर दिया है।गर्ग ने कहा कि पार्वती घाटी के कसोल, मनीकर्ण व आस-पास के दर्शनीय स्थलों पर हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। ये पर्यटक नदी-नालों के समीप खाद्य वस्तुओं के पैकेट हर कहीं पर फैंक देते हैं जिससे क्षेत्र के पर्यावरण को बड़ा खतरा उत्पन्न हो रहा है। जगह-जगह पर कूड़ा-कचरा एकत्र होने के कारण क्षेत्र की सुंदरता में भी दाग लग रहा है और साथ ही सैलानियों के अलावा स्थानीय लोगों के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से भी नुकसान का कारण बन रहा है। कसोल व मनीकर्ण में ठोस तथा तरल कचरे के उपयुक्त निष्पादन की मांग उठ रही है और इसके लिए धनराशि जुटाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पार्वती घाटी के प्रमुख क्षेत्रों में कचरा निस्तारण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, सैलानियों के लिए मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाएंगी। एक बेहतर प्रबंधन करके देश-विदेश के पर्यटकों के माध्यम से प्रदेश की अच्छी छवि बाहर जाए, इस प्रकार के ढांचे का विकास किया जाएगा।