हमीरपुर, 16 मार्च
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की चार्टर्ड विमान में यात्रा और फाइव स्टार होटलों में गुप्त बैठकों को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।
यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने दावा किया कि 23 फरवरी को मुख्यमंत्री सुक्खू अपने कुछ खास मित्रों के साथ मालदीव की यात्रा करके दिल्ली लौटे और 24 फरवरी को एक विशेष चार्टर्ड विमान के जरिए अपने कैबिनेट रैंक प्राप्त मित्रों और उनके परिवारजनों के साथ प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए रवाना हो गए। उन्होंने सवाल उठाया कि इस चार्टर्ड विमान का खर्च सरकारी खजाने से हुआ, मुख्यमंत्री की निजी जेब से भरा गया या फिर किसी उद्योगपति ने यह सुविधा मुख्यमंत्री को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से दी? इस स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
*चार्टर्ड प्लेन का खर्च कौन उठा रहा?*
राणा ने कहा कि प्रदेश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि मुख्यमंत्री की इस शाही यात्रा का खर्च कौन उठा रहा है। उन्होंने पूछा, “क्या यह धनराशि जनता के टैक्स से ली गई है, या फिर किसी उद्योगपति ने अपने हित साधने के लिए मुख्यमंत्री को यह सुविधा दी है?” राणा ने तंज कसते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री की नीयत साफ है, तो उन्हें सामने आकर इन सवालों के जवाब देने चाहिए।
*चंडीगढ़ के फाइव स्टार होटल में तीन घंटे की गुप्त बैठक*
राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री की 25 फरवरी की चंडीगढ़ यात्रा के समय यहां के फाइव स्टार होटल में 3 घंटे गुजारने को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए अपनी सिक्योरिटी को नजरअंदाज कर दिया और चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सीधे सेक्टर-17 के ताज होटल चले गए, जहां उन्होंने तीन घंटे बिताए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने काफिले को चंडीगढ़ के ट्रांसपोर्ट चौक पर मंगवा लिया और फिर वहां से शिमला रवाना हुए ।
राणा ने कहा कि जनता को यह जानने का हक है कि उन तीन घंटों में मुख्यमंत्री के साथ कौन मौजूद था, किन मुद्दों पर चर्चा हुई और वहां किस तरह की डील फाइनल की गई?
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अपने चंडीगढ़ दौरे के दौरान हिमाचल भवन में स्थित सीएम सूट्स में रुकने की बजाय बार बार अपनी सिक्योरिटी को दाएं बाएं करके होटल हयात और अन्य फाइव स्टार होटलों में चले जाते हैं लेकिन इन यात्राओं का मकसद और वहां की गई चर्चाओं का ब्योरा सार्वजनिक नहीं करते। मुख्यमंत्री चंडीगढ़ के हिमाचल भवन में लोगों से मिलने की बजाए फाइव स्टार होटल ही क्यों चुनते हैं। वहां किन से मिलते हैं और कौन सी डील फाइनल होती है, इसका खुलासा होना ही चाहिए।
*आर्थिक संकट के बीच शाही ठाठ-बाठ*
राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुक्खू पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब प्रदेश आर्थिक संकट से गुजर रहा है, तब मुख्यमंत्री चार्टर्ड विमानों में सैर-सपाटा कर रहे हैं और महंगे होटलों में बैठकर गुप्त योजनाएं बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनरों को बकाया भुगतान नहीं मिल रहा है, बुजुर्गों की वृद्धावस्था पेंशन छह महीने से अटकी पड़ी है, ठेकेदार भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री जनता की समस्याओं की ओर ध्यान देने की बजाय विलासिता में डूबे हुए हैं।
राणा ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, विकास कार्य ठप हैं और सरकार के पास कर्मचारियों की सैलरी देने तक के पैसे नहीं हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री की चार्टर्ड विमान की सैर और फाइव स्टार होटलों में गुप्त बैठकों ने जनता के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
*सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री सुक्खू पर तीखा हमला करते हुए राजेंद्र राणा ने कहा कि पिछले दो वर्षों में उन्होंने “सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री” होने का रिकॉर्ड बना लिया है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि यदि दुनिया में सबसे झूठ बोलने वाले नेताओं की रैंकिंग हो, तो मुख्यमंत्री सुक्खू पहले स्थान पर होंगे।
*जनता को चाहिए जवाब*
राणा ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वह इन सभी आरोपों पर स्पष्टीकरण दें और यह बताएं कि चार्टर्ड विमान और फाइव स्टार होटलों में किस तरह की गुप्त योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता को सरकार की पारदर्शिता की उम्मीद होती है और मुख्यमंत्री को अपनी गतिविधियों पर पर्दा डालने की बजाय सच को जनता के सामने लाना चाहिए।
राजेंद्र राणा ने कहा कि जब प्रदेश की जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, तब मुख्यमंत्री और उनके करीबी मित्रों का इस तरह चार्टर्ड विमानों में घूमना और लग्जरी होटलों में बैठकर गुप्त समझौते करना, जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने कुछ गलत नहीं किया है, तो उन्हें बिना किसी देरी के जनता के सामने आकर सच उजागर करना चाहिए।