शिमला 19 अप्रैल । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग शिमला के सौजन्य से शुक्रवार को विश्व हीमोफिलिया दिवस सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला विकास नगर में आयोजित किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डाॅ0 राकेश प्रताप ने बताया कि इस वर्ष विश्व हीमोफिलिया दिवस पर सभी को समान पहूंच और रक्त से संबधित विकारों को पहचानना विषय रखा गया है । उन्होने बताया कि हीमोफिलिया एक जेनेटिक रक्त विकार रोग है जोकि माता पिता से बच्चों में स्थान्नातरित होता है । इस बिमारी में चोट लगने पर खून बहता ही रहता है । बताया कि हीमोफिलिया खून में क्लोटिंग फैक्टर के न होने के कारण होता है ।
हीमोफिलिया के लक्षण बारे विस्तार से बताते हुए सीएमओ ने बताया कि शरीर पर किसी प्रकार का घाव, कट, जानवर द्वारा काटने या दांत से खून निकलने के कारण शरीर से अत्यधिक खून बहना तथा बार बार नाक से खून बहना, अंदरूनी रक्तस्त्राव से त्वचा में बड़े बड़े गहरे नीले रंग के निशान पड़ना इसके प्रमुख लक्षण हैं । उन्होने बताया कि रक्तस्त्राव कोहनी तथा घुटने के भीतर भी हो सकता है जिससे उनमें सूजन हो जाती है और छूने पर गर्म महसूस होते हैं । हीमोफिलिया रोगी के मस्तिष्क में अंदरूनी रक्तस्त्राव होने के कारण सिर दर्द, उल्टी अथवा दौरे की समस्या हो जाती है । उन्होने स्कूली बच्चों से आग्रह किया कि अपने घर व आसपास के लोगों को हीमोफिलिया बिमारी के लक्ष्ण बारे जानकारी दें और यदि किसी व्यक्ति में हीमोफिलिया के लक्षण पाए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में रोगी की निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जांच अवश्य करवाएं । इस मौके पर चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 ओशिन और स्वास्थ्य शिक्षिका संजना दफराईक ने भी बच्चों और उपस्थित लोगों का हीमोफिलिया रोग बारे विस्तार से जानकारी दी ।