राजधानी शिमला से सटे कुफरी में डॉप्लर राडार स्थापित किया गया है। इसके जरिए मौसम विज्ञान केंद्र शिमला को मौसम के पूर्वानुमा के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और चंद घंटे पहले मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी। जानकारी अनुसार डॉप्लर राडार की रेंज चारों तरफ 100 किलोमीटर तक है। शिमला और आसपास के क्षेत्रों में अब बादल फटने और भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग चंद घंटे पहले पूर्वानुमान जारी कर सकेगा। इससे मौसम संबंधी आपदा से होने वाले जान-माल के नुकसान को काफी कम किया जा सकेगा।
विशेषज्ञों की मानें तो डॉप्लर राडार मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए जाना जाता है। इससे एक-दो घंटे पहले जानकारी मिल जाएगी कि कहां भारी बारिश होने वाली है या बादल फटने वाला है। इससे प्रशासन को सही समय पर सूचना मिल सकेगी और लोगों की जान बचाई जा सकेगी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि कुफरी में डॉप्लर राडार ने काम करना शुरू कर दिया है। इससे मौसम के पूर्वानुमान को लेकर सटीक जानकारी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 3 राडार लगने हैं, जो कि यहां के लिए मील का पत्थर स्थापित होंगे। इसके स्थापित होने से हिमाचल को पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से लेकर बारिश, बर्फबारी, आंधी तूफान जैसी सभी मौसम संबंधी सटीक जानकारियां बेहतर मिल सकेंगी। गौर हो कि हिमाचल की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से 3 डॉप्लर राडार मंजूर किए गए हैं। इनमें शिमला के कुफरी के अतिरिक्त कुल्लू और डलहौजी में भी डॉप्लर राडार स्थापित किए जा रहे हैं।