अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने गुजरात के एक पोर्ट पर पकड़ी गई नशे की भारी-भरकम खेप से जुड़े मामले को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया चाहिए ताकि असलियत जनता के सामने आ सके। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में अलका लांबा ने कहा कि पुलिस में दर्ज आंकड़े गवाह हैं कि हिमाचल में भी बड़े पैमाने पर नशे की खेप पहुंच रही है। पहाड़ी राज्य में इस वर्ष अब तक 300 किलोग्राम नशे का सामान बरामद किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे की खेप कहां से पहुंच रही है, यह जांच का विषय है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल से संबंध रखते हैं, ऐसे में वे भी इस ओर ध्यान दें और यह सुनिश्चित बनाएं कि हिमाचल में किसी भी सूरत में नशा न पहुंच पाए। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी इस मामले पर सख्ती से कदम उठाने की मांग की, ताकि हिमाचल के युवा इस दलदल में न फंसे। राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि गुजरात के एक पोर्ट पर 3 हजार किलोग्राम हैरोइन पकड़ी गई थी। उन्होंने सवाल किया कि नशे की यह खेप कहां से आई और इस मामले को क्यों दबाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के संरक्षण में नशे का कारोबार बढ़ रहा है। इस का परिणाम है कि कार्रवाई के नाम पर छोटी मछलियों को पकड़ा जा रहा है, जबकि कार्रवाई बढ़े मगरमच्छों पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारी भरकम नशे की खेप बिना किसी संरक्षण से आ नहीं सकती।
अलका लांबा ने कहा कि केंद्र सरकार देश के युवाओं को अपने वायदे के अनुरूप हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार तो दे नहीं पाई, बल्कि उनके भविष्य से खिलवाड़ जरूर कर रही है। उन्होंने कहा कि जब युवा को रोजगार नहीं मिलेगा तो वह नशे की तरफ जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का इस मामले पर चुप रहना कई सवाल खड़े कर रहा है।