प्रनीता शर्मा
शिमला
शिमला के संजौली उपनगर में निर्माणाधीन मस्जिद को लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया है और इसी के कारण कांग्रेस के भट्टाकुफर के पार्षद नरेंद्र ठाकुर सहित स्थानीय लोगो ने संजौली बाजार में ना केवल रैली निकाली बल्कि मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया तथा मस्जिद को गिराने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि तीन मंजिला मस्जिद को उचित प्रशासनिक मंजूरी के बिना ही अवैध रूप से बनाया गया है ।
शिमला और उसके आस पास एक विशेष समुदाय की बढ़ती आबादी ने भी स्थानीय लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है। उनका आरोप है की यह विशेष समुदाय के लोग न केवल हिंदू समाज को डराने धमकाने का काम कर रहे हैं बल्कि अपनी तना शाही से आए दिन लोगो से झगड़ा भी कर रहे है । लोगों ने शहर में रेहड़ी फड़ी लगाने वाले बाहरी राज्यों के लोगों की पुलिस वेरिफिकेशन की भी मांग की।
हिन्दू समुदाय व स्थानीय लोगो ने कहा है कि दो दिन पहले भी शिमला के उपनगर मल्याणा में विशेष समुदाय के लोगों ने एक स्थानीय कारोबारी और उसके दोस्तों की बुरी तरह पिटा और उन्हे जान से मारने की धमकी भी दी है । अब इस घटना से स्थानीय लोगो में खौफ जैसा माहौल बन गया है ।
भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय विंग के प्रदेश अध्यक्ष बिलाल ने संयम बरतने का आह्वान करते हुए कहा कि कानूनी मामलों को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे के राजनीतिकरण की निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि खान समेत कई समुदाय शिमला की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं, जो आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं, जिसके बिना शहर ठप हो जाएगा। हालांकि, बिलाल ने मलयाणा हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की है और इस बात पर जोर दिया कि किसी समुदाय के सभी सदस्यों का मूल्यांकन कुछ लोगों के कार्यों से नहीं किया जाना चाहिए।
जबकि,शिमला शहरी कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने अपने ही पार्षदों और विधायक को निशाने पर लिया है। जनारथा ने कहा कि मस्जिद का विवाद दूसरी विधानसभा क्षेत्र का है लेकिन हंगामा उनके विधानसभा क्षेत्र में किया जा रहा है। जिससे माहौल खराब हो रहा है। हरीश जनारथा ने माना है कि मस्जिद अवैध बनी है और मामला कोर्ट में है ,ऐसे में कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। हरीश जनारथा ने बिना नाम लिए कांग्रेस के कुछ पार्षद और विधायक व मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर आरोप लगाए है की अनिरुद्ध उनकी विधानसभा क्षेत्र में माहौल बिगाड़ने का कार्य कर रहे है और उन्होने कहा है की वह उनके क्षेत्र में दखल न दे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर विवाद को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं।
दूसरी और , संजय चौहान के नेतृत्व में शिमला से सीपीआई (एम) के एक प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और शहर में सांप्रदायिक सद्भाव और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया। चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि मलयाणा और संजौली जैसे इलाकों में हाल ही में हुए तनाव को जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए और इसे सांप्रदायिक मुद्दों में नहीं बदलने देना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने शिमला की शांति, एकता और भाईचारे की विरासत को बनाए रखने के लिए आग्रह भी किया है ।
संजौली क्षेत्र में जैसे अशांति का माहौल बना हुआ है उसका कहीं न कहीं कारण शिमला की कानून व्यवस्था जिमेवार है । मल्याणा जैसी घटना , जहाँ एक स्थानीय हिंदू व्यवसायी पर एक विशेष समुदाय के सदस्यों द्वारा हमला किया गया है वह कहीं ना कहीं भविष्य में एक व्यापक और अधिक परेशान करने वाली तस्वीर को उजागर कर रहा है । दूसरे राज्यों के लोगों की बढ़ती आबादी ने कहीं न कहीं स्थानीय लोगों में अपने आर्थिक वसरों को खोने का डर भी पैदा कर दिया है । इसने न केवल सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा मिल रहा है , बल्कि इन दुर्लभ संसाधनों पर नियंत्रण के लिए विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के बीच झड़पों को भी जन्म दे रहा है।
जैसे-जैसे शिमला में बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है, बाहर के लोगो की जनसंख्या भी बढ़ती जा रही और स्थानीय लोगो को बाहर धकेला जा रहा है कहीं ना कहीं यह कारण भी है जो स्थानीय लोगो में एक डर पैदा कर रहा है उनके अस्तित्व का। अगर जल्द से जल्द इस परिस्थिति पर काबू नहीं पाया गया थो वो दिन दूर नहीं जब शिमला एक गैर शांति क्षेत्र में तब्दील होजाएगा ।
आज संजौली की मस्जिद पर लड़ाई केवल धार्मिक मतभेदों के बारे में नहीं है बल्कि यह इन समुदायों को बनाए रखने वाले सीमित संसाधनों पर नियंत्रण की लड़ाई है।