सावन माह में आने वाली हरियाली तीज का भी सबसे अधिक महत्व माना जाता है. इस सभी महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए कठिन व्रत रखती हैं. तो वहीं, कुंवारी कन्या भी अपना मनताहा जीवनसाथी पाने के लिए यह व्रत रखती है. हरियाली तीज के दिन महिलाएं-लड़कियां सज-धज कर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं.
यह व्रत सभी व्रतो से सबसे ज्यादा कठिन माना जाता है और एक बार यह व्रत करना शुरू कर दिया तो इसे हर साल करना पड़ता है. इस व्रत को बीच में छोड़ा नहीं जाता है. इस व्रत रखते वक्त कई ऐसी स्थितियां बन जाती है कि स्वास्थ्य समस्या, प्रेग्नेंसी, यात्रा या पूजा-पाठ न कर पाने के कारण महिला व्रत नहीं रख पाती है.
इस साल हरियाली तीज देशभर में 11 अगस्त को मनाई जाएगी. इसका शुभ मुहूर्त दोपहर 3:31 मिनट से रात 10:21 मिनट तक रहेगा. इस दौरान माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से अखंड सौभाग्य मिलता है. व्रते को रखने से पहले सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और नए कपड़ें पहनें.
इसी के साथ नवविवाहित महिलाओं के घर इस व्रत के लिए मायके से भी कपड़े आते हैं. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. घर की अच्छे से सफाई करके उसे सजाएं और फिर पूजा के लिए खुद भी पूरा श्रृंगार करें. पूजा के लिए चौकी पर मिट्टी में गंगा जल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं. इसके बाद पूजा की थाली में बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी, अक्षत, धूप, दीप, गंधक आदि सजाकर अर्पित करें. उन्हें भोग लगाएं. व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें.