हिमाचल सरकार स्वरोजगार व रोजगार की दिशा में प्रभावी कदम उठा रही है। इसी कड़ी में सरकार ने बीते मई माह में ‘‘मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना’’ शुरू की है। शहरी विकास विभाग के प्रवक्ता के अनुसार इस योजना के तहत 300 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। योजना के अंतर्गत 900 व्यक्तियों ने रोजगार प्राप्त करने के लिए अपने को पंजीकृत करवाया है। इन सभी व्यक्तियों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित तथा शहरी स्थानीय निकायों द्वारा संचालित कार्यों और स्वच्छ भारत मिशन व ठोस कचरा प्रबन्धन से संबंधित कार्यों में रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। योजना के तहत 30 दिनों का कार्य पूरा होने के उपरांत लाभार्थी प्रशिक्षण अवधि में भी पूरा वेतन प्राप्त कर रहे हैं तथा लाभार्थियों का कौशल उन्नयन भी हो रहा है।
बता दें कि शहरी क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना आरंभ की है। योजना के लागू होने से जरूरतमंद हिमाचलवासियों को कोरोना महामारी के समय में रोजगार प्राप्त करने में सहायता मिल रही है। एक वित्त वर्ष के दौरान इस योजना के तहत पंजीकृत प्रत्येक शहरी परिवार को 125 दिनों का रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। योजना का कार्यान्वयन शहरी स्थानीय निकायों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें कोई भी अकुशल कामगार बिना किसी आय सीमा के निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन कर सकता है।
मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना के तहत शहरी स्थानीय निकायों के क्षेत्राधिकार में आने वाले 65 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति पंजीकरण करवा सकते हैं। लाभार्थियों को पंजीकरण के सात दिनों के भीतर जॉब कार्ड तथा 15 दिनों के भीतर रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। रोजगार उपलब्ध न होने की स्थिति में लाभार्थियों को शहरी स्थानीय निकायों द्वारा 75 रुपये प्रतिदिन रोजगार भत्ता प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त योजना के तहत महिला और पुरूष कामगारों को समान वेतन प्रदान किया जा रहा है। शहरी स्थानीय निकायों द्वारा कामगारों को वेतन का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा रहा है।