कसुंपटी विस का एक मात्र सिविल अस्पताल बहा रहा बदहाली के आंसू
शिमला 10 फरवरी
सूबे के सरकारी अस्पतालों में जहां बीते करीब एक वर्ष से डायग्नोस्टिक लैब टेस्ट मुफ्त किए जा रहे हैं। वहीं पर सिविल अस्पताल जुन्गा में बीते कई वर्षों से लैब टेकनिशियन का पद रिक्त होने से इस क्षेत्र के लोग सरकार की इस सुविधा का लाभ उठाने से वंचित है ।
प्राईवेट लैब संचालक चांदी कूट रहे हैं । बता दें बीते पहली अप्रैल 2021 से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सभी 56 प्रकार के टेस्ट निःशुल्क किए जा रहे हैं जिससे विशेषकर जरूरतमंद एवं गरीब परिवारों को काफी लाभ मिल रहा है परंतु जुन्गा के सिविल अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है ।
आलम यह है कि कसुंपटी निर्वाचन का एक मात्र सिविल अस्पताल स्टाफ के अभाव में बदहाली के आंसू बहा रहा है। जानकारी के मुताबिक 25 बिस्तर वाले इस अस्पताल में विभिन्न श्रेणियों के कुल 13 पद रिक्त पड़े हैं। जिसमें सात पद चतुर्थ श्रेणी के शामिल हैं । सफाई कर्मचरियों के पद रिक्त होने से अस्पताल प्रशासन को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है । लिहाजा अस्पताल की सफाई का कार्य पार्ट टाइम कर्मचारियों से करवाया जा रहा है । आलम यह है कि अस्पताल में चैकीदार व कुक का पद खाली होने से इनडोर रोगियों को भोजन भी उपलब्ध नहीं हो पाता है और तिमारदारियों को भोजन बाहर होटल से लाना पड़ता है ।
दरसअल अस्पताल में वर्तमान में चिकित्सकों के चार पद भरे गए हैं जिनमें से एक चिकित्सक अंडर ट्रांस्फर है । विशेषज्ञ चिकित्सक के नाम पर केवल केवल एक सर्जन है। स्त्री रोग, बाल रोग और हडडी रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक न होने पर जुन्गा क्षेत्र के लोगों को उपचार हेतू शिमला जाना पड़ता है जिससे समय और धन की बर्बादी हो रही है । हालांकि इस अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा महिला प्रसूति की सेवाएं प्रदान की जा रही है ।
प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष डाॅ0 कुलदीप तंवर ने अपने बयान में कहा कि कुसंपटी विस में सभी स्वास्थ्य संस्थानों की हालत बहुत दयनीय है जबकि इस विधानसभा में बीते 20 वर्षों से एक छ़त्र कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व है । इनका आरोप है कि कसुपंटी निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी अस्पताल में नेशनल एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध नहीं है । बताया कि चुने हुए प्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते कसुंपटी विस विकास के मामले में सूबे में सबसे पिछड़ा माना जाता है ।
ख्ंाड चिकित्सा अधिकारी मशोबरा डाॅ0 ़राकेश प्रताप ने बताया कि रिक्त पदों को भरने बारे मामला उच्चाधिकारियांें के साथ उठाया गया है ।