कड़ाके की सदी और कई फुट तक जमी बर्फ में भी लाहौल-स्पीति घाटी अलग-थलग नहीं पड़ेगी. ऐसा मुमकिन हुआ है समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊंचाई पर बनी अटल टनल (रोहतांग टनल) से. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह टनल देखने में घोड़े की नाल की आकार की है. करीब 9.02 किलोमीटर लंबी यह पूरे साल मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी. इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग 6 महीने तक अलग-थलग रहती थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस टनल का उद्घाटन अक्टूबर 3 को करदिया है।
बता दे अत्याधुनिक मशीन से होगी सफाई ‘अटल टनल, रोहतांग’ की। इस टनल से अब मनाली से लेह का सफर 5 घंटे कम में किया जा सके गा।
अटल टनल हिमालय की पीर पंजाल रेंज में औसत समुद्र तल (एमएसएल) से 3000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर बनाई गई है. इससे मनाली और लेह के बीच सड़क की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है. साथ ही दोनों जगहों के बीच सफर का समय करीब 4 से 5 घंटे की घट गया है.
अटल टनल का दक्षिण पोर्टल (एसपी) मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसका उत्तर पोर्टल (एनपी) लाहौल घाटी में तेलिंगसिस्सु गांव के पास 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.