अमृत कुमार शर्मा,
किंगाल
साधारण व्यक्तित्व यूँ ही नही बन जाता है उसके लिए लीक से हटकर कुछ करना होता है जो केवल संघर्ष से ही प्राप्त होता है संघर्ष चाहे फिर जीवन को स्थापित करने के लिए हो या संघर्ष फिर मुफ़्लिसी से उभर कर नया मुकाम बनाना हो या असहाय होते जा रहे जीवन को पटरी पर लाने की जदो- जहद के लिए खुद को व परिवार को समाज मे प्रतिष्ठित करने के लिए किया गया संघर्ष ।
समाज मे ऐसे लोग ही आम लोगो से खास लोग बन जाते है ऐसी ही शख़्सियत है हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के कुमारसैन जनपद के एक छोटे से गाँव चलान मे 5 अगस्त 1975 स्वर्गीय श्री मूल राज डोगरा व माता श्रीमती बन्ना डोगरा के घर जन्मा शिशु आचार्य शशि पाल डोगरा जो प्रदेश मे ज्योतिषाचार्य के नाम से विख्यात है लेकिन इनके इस मुकाम तक पहुँचने की एक लम्बी कहानी है जो इस तरफ इंगित करती है कि इंसान की विशुद्ध मेहनत, ईमानदारी व अभावों मे जी कर भी मंजिले छूँ लेने वाला ही जीवन क्षितिज पर कामयाबी के परचम लहरा सकता है ।
पिता का साया बचपन मे ही सर से चला गया, पिता यूँ तो सरकारी सेवा में थे व घर की स्तिथि भी बुरी नही थी फिर भी बड़ा परिवार व परिवार की अनेको जिमेवारिया माँ पर आ गई परिवार को संभालने की जिमेवारिया जब एक औरत पर आन पड़ती है तो जीवन सरल नही रहता सब लोग सहयोग की बाते तो करते हैं लेकिन सहयोग करते नही है फिर मौहाल की भी बात होती है जो विकट समय मे हमेशा प्रतिकूल ही रहता है, ऐसे में माता पर बच्चों की शिक्षा का मूल प्रशन आ जाता है जैसे जैसे उम्र आगे बड़ती गई शशि पाल को उनकी उच्च शिक्षा कैसे हो यह फिक्र सताने लगी , कुमारसैन स्कूल के यह होनहार छात्र थे व बोल चाल मे मधुरभाषी व मेधावी छात्र भी थे किंतु आर्थिक अभाव जब होता है तो बड़े बड़े सपने धरे के धरे रह जाते है किंतु आचार्य शशिपाल ने अभावग्रस्त होते हुए भी माता पर बोझ न बनकर स्कूली शिक्षा पूरी करके ज्योतिष के क्षेत्र में अपना भविष्य लगा दिया।
आचार्य जी से जब उनकी जीवन यात्रा पर मैने व्यक्तिगत बात पूछी तो उनकी आँखो में आँसू आ गए और कहने लगे कि वे ज्योतिष सीखने सुन्नी के श्री ललित शास्त्री जी के पास गए और उनसे गुरु दीक्षा ली व उन्होंने आचार्य जी को ज्योतिष का वृहद ज्ञान दिया फिर आचार्य शशिपाल बनारी के पंडित गणपत शर्मा जी को अपना गुरु बनाया व उनसे भी ज्योतिष व कर्म काण्ड का ज्ञान प्राप्त किया इस तरह आचार्य डोगरा जी अपने परिवार पर अतिरिक्त बोझ न डाल कर पुरातन गुरु शिष्य परंपरा से गुरु कुल की तरह शिक्षा के साथ साथ ज्ञान अर्जित करते रहे इसी तरह ज्योतिष की और अधिक बारीकियाँ इन्होंने किंगल के स्वावर्गीय आचार्य ओम प्रकाश शर्मा से व अन्य विद्वानों से भी सीखी क्योंकि सीखने की कला जिस छात्र में होती है वही आगे चल कर कुछ कर दिखाने की क्षमता रखता है यही प्रतिभा इस विधार्थी मे बचपन से ही थी इस तरह आचार्य शशिपाल ज्योतिष जगत के ज्योतिष ज्ञान, अंक ज्योतिष ज्ञान, तन्त्र, मंत्र और यन्त्र विज्ञान के निपुण ज्ञाता हो गए।
इंसान के पास जब सब कुछ आ जाता है तो उस अपनी दिशा की और बड़ने के लिए कोई मार्ग दर्शक या मेंटर तो चाहिए ही अभी शिक्षा भी पास थी ज्ञान भी व्यापक था किंतु आर्थिक तंगी अभी भी साथ ही थी आचार्य डोगरा जी बकोल् बताते हैं कि इस कठिन घड़ी मे उनका साथ दिया कुमारसैन के भाजपा के दिग्गज नेता संदीपनि भरद्वाज ने उन्होंने इन्हे पुस्तके खरीदी अभाव ग्रस्त जीवन को सुखद बनाने मे इन्हे ज्योतिष के जगत मे अपने ज्ञान की गंगा का प्रसार करने का मार्ग प्रशस्त किया तब से आज तक आचार्य शशिपाल डोगरा जी ने अपने कार्य क्षेत्र मे पीछे मुड़ कर नही देखा आज आचार्य किसी पहचान के मोहताज नही है, पुरा प्रदेश उनकी स्टिक भविष्य वाणी के बारे में जनता है ज्योतिष के इन्होंने नए आयामों को छुआ है ।
राजनीति पर वर्ष 2003 के चुनाव से अब तक की गई भविष्य बाणियां लगभग सत्य ही साबित हुई है चाहे लोक सभा के दो बार हुए चुनाव देश के विभिन्न राज्यों के विधान सभा चुनाव पंचायत चुनाव हो या नगर निगम के सत्ता मे बैठे राजनेता व विपक्ष के नेताओं पर उनके राजनेतिक वर्चस्व पर इन्होंने हमेशा स्टिक भविष्य बाणी की है इनकी ज्योतिष में पकड़ विशेष कर जन्म कुंडली ज्ञान, अंक गणित ज्योतिष, के आधार पर यह हमेशा सही मार्ग दर्शन करते है व यजमान को अंधेरे में नही रखते, यही इनकी विशेषता भी है व विवादो मे भी कभी कभी सत्य कहने के कारण आ जाते है किंतु यह सत्य बोलने डरते नही है इनकी यही बात इनको सब से अलग करती है, वशिष्ठ ज्योतिष सदन के मुख्य होने के साथ साथ यह अन्य की सामाजिक संगठनो से भी जुड़े हुए है प्रदेश मे किसी भी पार्टी के नेता या अधिकारी हो उनसे हमेशा कुमारसैन के हित की बात करते है व जन कार्य मे संलगन रहते है, मां, गुरुओं व ज्येष्ठो की असीम कृपा के अतिरिक्त इनपर भगवान परशु राम जी की भी विशेष कृपा है, मैं भी इस महान विद्वान के शुभ मंगल की कामना करता हूँ ।।