शिमला, 9 जून
यूक्रेन के युद्ध के बाद अब एक बड़ा सवाल खड़ा होगया है की क्यों मेडिकल के छात्र बाहर पढ़ने जाते है। इसका जवाब अब धीरे धीरे सामने आ रहा है की भारत में मेडिकल की पढ़ाई महँगी है।
इसी बीच आज हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने एक आदेश पारित किया है, जो मेडिकल शिक्षा की आड़ में मोटी कमाई की पोल खोल रहा है। आयोग ने MMU कुम्हारहट्टी पर 45 लाख का जुर्माना लगाया है।
यह आदेश आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल (Retd.) अतुल कौशिक ने 2013-14 बैच की एमबीबीएस स्टूडेंट (MBBS Student) डाॅ. निवेदिता राव व डाॅ. यामिनी की शिकायत की याचिका पर पारित किए हैं। आदेश में खुलासा हुआ है कि मेडिकल काॅलेज में करीब 1200 छात्रों से अब तक 103 करोड़ 96 लाख 53 हजार रुपए की अतिरिक्त टयूशन फीस वसूली जा चुकी है। छात्राओं में महर्षि मार्कंडेश्वर मेडिकल काॅलेज व हाॅस्पिटल में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 2014 में दाखिला लिया था। शिकायत करने वाली छात्राओं ने कहा था कि उनसे साढ़े 4 साल की बजाय 5 साल की फीस वसूली गई है।