चंडीगढ़/शिमला: हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित रेप केस गुड़िया मामले में अब पुलिसकर्मियों की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। बता दें कि घटना के बाद एक अभियुक्त की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी।
पुलिस कस्टडी में जिस अभियुक्त की मौत हुई थी, उसका नाम सूरज था। पुलिसकर्मियों ने घटना के बाद उसे गिरफ्तार किया था। मामले में 9 पुलिसकर्मियों को नामजद किया गया है। पूरे प्रकरण में सबसे अहम कांस्टेबल दिनेश के बयान दर्ज किए गए हैं।
चंडीगढ़ जिला अदालत की स्पेशल सीबीआइ कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच कांस्टेबल दिनेश को अदालत में पेश किया गया। दिनेश ने कहा कि उसने अपने बयान में बताया था कि 6 जुलाई 2017 जब की यह घटना हुई थी तो वह उस समय कोटखाई थाने में ही तैनात था।
उस रात 4 से 5 पुलिसकर्मी नाबालिग के दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच में जुटे थे और उन्होंने जांच के दौरान कुछ आरोपितों को भी पकड़ा था। आरोपितों में सूरज भी शामिल था। उसी रात को डीएसपी मनोज जोशी, थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह और कुछ अन्य पुलिसकर्मी सूरज को पूछताछ के लिए थाने की पहली मंजिल पर ले गए।
वहां से सूरज के चीखने-चिल्लाने की काफी आवाजें आ रही थी। थोड़ी ही देर बाद सूरज के चिल्लाने की आवज बंद हो गई। कुछ देर बाद पुलिसकर्मी मोहन लाल, सूरत और रंजीत आरोपित सूरज को बेसुध हालत में उठाकर नीचे ला रहे थे।
इसके बाद उन्होंने सूरज को अस्पताल पहुंचाया। घटना वाली रात को ही पता चला कि सूरज की मौत हो गई। दिनेश ने कहा कि क्योंकि वह उसी थाने में तैनात था तो ऐसे में उसे किसी को भी इस बारे में बात न करने के लिए कहा गया था। इस केस में कांस्टेबल दिनेश की गवाही काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।