सोलन
बाहरा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फ़ार्मास्युटिकल साइंस विभाग द्वारा छात्रों के लिए फार्मास्युटिकल साइंस में कैरियर के अवसर विषय पर एकदिवसीय व्याख्यान का आयोजन बाहरा विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। व्याख्यान में मुख्य वक्ता डाक्टर सौरभ कुमार बैनर्जी डीन सह आचार्य स्कूल ऑफ फ़ार्मास्युटिकल मैनेजमेंट आई आई. एच. एम. आर. विश्वविद्यालय जयपुर रहे। स्कूल ऑफ फ़ार्मास्युटिकल साइंस के डीन डाक्टर हिमेन्द्र गौतम ने मुख्य वक्ता डाक्टर सौरभ कुमार बैनर्जी को सम्मानित किया व बाहरा विश्वविद्यालय आने पर धन्यवाद किया।
एकदिवसीय व्याख्यान का शुभारम्भ मुख्य वक्ता डाक्टर सौरभ कुमार बैनर्जी और बाहरा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फ़ार्मास्युटिकल साइंस डीन आफ फ़ार्मास्युटिकल साइंस डाक्टर हिमेन्द्र गौतम ने दीप प्रज्वलित कर किया।
डाक्टर सौरभ कुमार बेनर्जी ने अपने व्याख्यान में कहा की फ़ार्मास्युटिकल क्षेत्र का दायरा काफी व्यापक है। यहां नई-नई दवाइयों की खोज व विकास संबंधी कार्य किया जाता है। आर. ऐंड. डी. क्षेत्र को जेनेरिक उत्पादों के विकास, ऐनालिटिकल आर. ऐंड. डी, ए. पी. आई. या बल्क ड्रग आर. ऐंड. डी. जैसी श्रेणियों में बांटा जा सकता हैं। ड्रग मैन्युफैक्चरिंग इस फील्ड की अहम शाखा है। इस क्षेत्र में मॉलिक्युलर बायॉलजिस्ट, फार्मेकॉलजिस्ट, टॉक्सिकॉलजिस्ट या मेडिकल इंवेस्टिगेटर बन सकते हैं। मॉलिक्युलर बायॉलजिस्ट जीन संरचना और मेडिकल व ड्रग रिसर्च में प्रोटीन के इस्तेमाल का अध्ययन करता है। फार्मेकॉलजिस्ट इंसान के अंगों व ऊतकों पर दवाइयों के प्रभाव का अध्ययन करता है। टॉक्सिकॉलजिस्ट दवाओं के नेगेटिव इफेक्ट को मापने के लिए टेस्टिंग करता है। मेडिकल इंवेस्टिगेटर नई दवाइयों के विकास व टेस्टिंग की प्रक्रिया से जुड़ा होता है। अपने वक्तव्य में उन्होंने विस्तारपूर्वक छात्र छात्राओं के साथ अपने अनुभव साँझा किए ।
इस अवसर पर स्कूल ऑफ फ़ार्मास्युटिकल साइंस विभाग के प्राध्यापक अभिनीत चौहान, राहुल शर्मा, वंदना शर्मा, सभी प्राध्यापक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे l