मंडी,4जनवरी
मंडी: सीटू से सबंधित मनरेगा एवं निर्माण मज़दूर यूनियन ज़िला कमेटी मंडी की बैठक आज सीटू ऑफिस मंडी में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता ज़िला अध्यक्ष गुरुदास वर्मा ने की। बैठक में राज्य महासचिव भूपेंद्र सिंह और सह सचिव राजेश शर्मा विशेष तौर पर उपस्थित हुए।बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र की मोदी सरकार द्धारा मनरेगा योजना के बजट में की गई कटौती के कारण मज़दूरों को निर्धारित 120 दिनों का रोज़गार नहीं मिल रहा है और इस वित्त वर्ष में अभी तक 25-30 दिनों का ही रोज़गार मिल पाया है।
केंद्र सरकार ने जो नया सिकुएर सॉफ्टवेयर लागू किया है उसमें अधिकतम कार्यो की सीमा निर्धारित कर दी है और इसमें सामग्री के ख़र्चे समय पर अपलोड नहीं हो रहे हैं जिसके कारण जो काम पूरे भी हो चुके हैं वे भी इसमें अधूरे शो हो रहे हैं और नए कार्यों की सेंक्शन नहीं मिल रही है।इसके अलावा अब केंद्र सरकार ने सभी सामुदायिक कार्यों में मज़दूरों की ऑनलाईन हाज़री का आदेश जारी किया है उससे समस्या और ज़्यादा बढ़ गई है।कियूंकि मनरेगा का कार्य करने के लिए मज़दूरों को अलग अलग स्थानों पर भेजा जाता है और उस स्थिति में उनकी दो बार ऑनलाईन हाज़री लगाना संभव नहीं है और कई स्थानों पर तो नेटवर्क न होने के कारण हाज़री का फ़ोटो अपलोडिंग में समस्या आती है।
नए साफ्टवेयर के अनुसार जब तक पिछले कार्य पूर्ण न हों तब तक नए कार्यों को स्वीकृति नहीं दी जा रही है और अभी तक ज़िला मंडी में पचास करोड़ रुपये की अदायगी लंबित हो गई है इसके अलावा सीमेंट की सप्लाई में भी देरी से हो रही है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मनरेगा महदूरों को पूर्व भाजपा सरकार निर्धारित 350 रु मज़दूरी के बजाये 212 रु ही अदा कर रही थी और उनका शोषण कर रही थी।उन्होंने नई सरकार से अपने चुनावी वायदे के अनुसार मज़दूरों को 350 रु देने की मांग की है।इसके अलावा मज़दूरों को काम करने के लिए औज़ार भी नहीं दिए जाते हैं और उन्हें घरों से लाकर काम करना पड़ता है।इसके अलावा प्रदेश में बनी नई सरकार ने 12 दिसंबर को एक पत्र जारी करकर मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड का सदस्य बनने और बोर्ड से मिलने वाले लाभों से वँचित कर दिया है।जिसके चलते अब मज़दूरों को अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए तथा विवाह शादी के लिए मिलने वाली सहायता राशी मिलना बंद हो गई है।इसके अलावा चिकित्सा, प्रसूता व पेंशन इत्यादि की सहायता भी बन्द हो गई है।
राज्य महासचिव भूपेंद्र सिंह ने बताया कि बोर्ड के सचिव ने पूर्व भाजपा सरकार के समय के एक पत्र को आधार बनाकर वर्तमान सरकार के समय जारी कर दिया है जबकि नई सरकार बनने की प्रक्रिया अभी तक भी पूर्ण नहीं हुई है।अभी तक बोर्ड के नए चेयरमैन नियुक्त नहीं हुए हैं बाबजूद उसके बोर्ड के सचिव ने अपने स्तर पर ही मनरेगा मज़दूरों के लाभ बन्द करने का फ़ैसला किया है जिसका यूनियन ने उसी दिन विरोध कर दिया था लेकिन अभी न तो श्रम मंत्री कोई है और न ही बोर्ड का कोई अध्यक्ष है जिसकारण मनरेगा मज़दूरों के लाभ रुक गए हैं।उन्होंने कहा कि यूनियन मंत्रिण्डल गठित होने पर श्रम मंत्री को माँगपत्र सौंपेगी और 15 जनवरी से मनरेगा मज़दूरों की मांगों के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी तथा निर्धारित 120 दिनों का रोज़गार लेने के लिए सभी मज़दूरों से सामूहिक आवेदन करवाये जाएंगे जिन्हें30- 31 जनवरी को खण्ड विकास अधिकारियों को सौंपा जायेगा।बैठक में यूनियन के महासचिव गोपेन्द्र शर्मा, दिनेश काकू, करतार सिंह चौहान,रविकांत, सत्या देवी, आलमु कुमारी,नर्वदा, लता, लक्ष्मी दत्त, रोशन लाल, मुरारी लाल, ललित कुमार, गुलशन कुमार, वेदराम, लीला मणि, राजेन्द्र कुमार, प्यारे लाल, जीवन सिंह आदि ने भाग लिया।