सुप्रीम कोर्ट राहत मिलने के बाद अब पीटीए, पैरा और पैट्रिक के नियमन को लेकर कदमताल शुरू हो गई है। जल्द ही मामला काउंटर में चर्चा के लिए होगा। यहां मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आज डायरेक्टर एजुकेशन केस बनाने के लिए कहा जाता है। यह कैसे पुनर्विकसित किया जा सकता है। इसकी प्राइंड क्रिएट की गई। पूरा मामला बनाने के बाद निकट भविष्य में मामला काउंटर में ले जा जाएगा।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने a कहा कि जयराम सरकार ने पीटीए को राहत देते हुए 2018 में पुनर्विक्रय पत्र दे दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला गया। पीटीए, पैरा और पैट्रिक की नियुक्ति को चुनौती दी गई। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इन टीचर का पक्ष लिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। इसके बाद अब उनका विनियमन की प्रक्रिया पूरी तरह से है। वर्तमान में लॉकडाउन में स्कूल नहीं चल रहे हैं। अभी तक लॉकडाउन के चलते सरकारी पैसे देने की स्थिति में नहीं .. कर ही नहीं आ रहे हैं। ऐसे में सरकार क्या करेगी।
गभग 12 से 13 हजार पीटीए, पैट्रिक और पैरा टीचर की नियुक्ति को सही ठहराते हुए हिमाचल हाईकोर्ट ने नियमन (नियमितीकरण) के आदेश सरकार को दिए थे। मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। कुछ लोगों ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। कोरोना लॉकडाउन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने उक्त टीचर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया। अब प्रदेश सरकार इन टीचर को नियमित करेगी।