हिमाचल प्रदेश की फिल्मकार देवकन्या ठाकुर द्वारा निर्देशित फिल्म “अंजलि” कारागार में बंदी अभिभावकों के साथ रखे गए उनके छोटे बच्चों के जीवन और व्यक्तित्व विकास पर आधारित है.
शिमला
हिमाचल प्रदेश की फिल्मकार देवकन्या ठाकुर द्वारा निर्देशित फिल्म “अंजलि” का विमोचन सुमेश गोयल, पुलिस महानिरीक्षक कारागार हिमाचल प्रदेश द्वारा किया गया. यह लघु फिल्म हिमाचली प्रोडक्शन हाउस हिमालयन वेलोसिटी के बैनर तले बनाई गई है जिसका प्रोडक्शन उत्तम प्रकाश और पुष्प राज ठाकुर ने किया है.
यह लघु फिल्म कारागार में बंदी अभिभावकों के साथ रखे गए उनके छोटे बच्चों के जीवन और व्यक्तित्व विकास पर आधारित है. उल्लेखनीय है कि कारागार में बंदी माताओं के साथ 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को रखा जाता है और जेल प्रशासन ऐसे बच्चों की परवरिश के साथ उनके खेलने कूदने और पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था भी करता है.
फिल्म के विमोचन अवसर पर सोमेश गोयल ने कहा कि भारतीय जेलों में 6 वर्ष से कम उम्र के लगभग 2000 बच्चे अपनी माताओं के साथ जेल प्रशासन की देखरेख में पल रहे हैं. ऐसे बच्चों की शिक्षा, खानपान, सामाजिक व्यक्तित्व विकास ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें हम आज के समय में दरकिनार नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि माता-पिता द्वारा किए गए गुनाहों की सजा उनके बच्चों को नहीं दी जा सकती.
यह लघु फिल्म मुख्यतः केंद्रीय कारागार जेल कंडा में शूट की गई. हिमाचल की जेलों में किए गए रिफॉर्म्स पर आधारित देवकन्या ठाकुर की यह दूसरी फिल्म है. इससे पहले हिमाचल की जेलों पर किए गए रिफॉर्म्स पर आधारित उनकी पहली फिल्म”बिहाइंड द बार्ज” राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराही और प्रेषित की गई. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा इस फिल्म को वर्ष 2018 में इस फिल्म को प्रथम पुरस्कार और अलंकरण से नवाजा गया.