आजादी के 74 वर्ष बाद भी कसुंपटी विधानसभा क्षेत्र के किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में महिला व बच्चों के लिए विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं । जिसके चलते इस क्षेत्र के दूरदराज गांव की महिलाओं व बच्चों को इलाज के लिए शिमला जाना पड़ता हैं। जहां आईजीएमसी, केएनएच और डीडीयू में पहले ही पूरे प्रदेश का दबाव है । किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ0 कुलदीप तंवर ने रविवार को जारी बयान में कहा कि सरकार के महिला सशक्तिकरण के दावे खोखले साबित हो रहे हैं । कहा कि यदि सरकार महिला सशक्तिकरण करना चाहती है तो सबसे पहले महिलाओं और बच्चों के लिए उपयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करनी होगी ।
डॉ0 तंवर ने बताया कि कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार महिलाओं की आबादी 50 हजार से अधिक है । इस निर्वाचन क्षेत्र में पिछले 20 वर्षों से कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व रहा है परंतु इस क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधियों ने कभी भी महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य के बारे कभी नहीं सोचा । बताया कि इस विधानसभा की 36 पंचायतों में दो सीएचसी मशोबरा व कोटी में हैं । इसके अतिरिक्त एक सिविल अस्पताल जुन्गा और 5 पीएचसी ट्राई, कूफरी, जटोली और फागू मंे कार्यरत है परंतु किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में स़्त्री रोग व शिशु रोग विशेषज्ञ की सुविधा नहीं है । इन संस्थाओं में स्टॉफ की सबसे कमी चल रही हैं। सबसे अहम बात यह है कि किसी भी संस्थान में लैब की सुविधा भी नहीं हैं ं।
डॉ0 तंवर का कहना है कि दुर्भाग्यवश यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो इस क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों में प्राथमिक उपचार की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। अनेक उप स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लटका हुआ है । यही नहीं इन क्षेत्रों में बहुत कम बस सेवाएं उपलब्ध है । यदि किसी महिला को चैक करने जाना पड़ता है उसे स्पैशल गाड़ी करके शिमला जाना पड़ता है ।
खंड चिकित्सा अधिकारी मशोबरा डॉ0 राकेश प्रताप का कहना है कि रिक्त पड़े पदों को भरने का सरकार को विशेष अधिकार है । कहा कि उनके द्वारा विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखित रूप में रिक्त पदों बारे अवगत करवाया गया है ।
कसुंपटी विस में नहीं महिलाओं व बच्चों के लिए विशेषज्ञ सुविधाएं-डॉ0 तंवर

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