मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि स्मार्ट सिटी शिमला और धर्मशाला में हुई गड़बड़ियों की जांच की जाएगी। शुक्रवार को विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायक सुधीर शर्मा और हरीश जनारथा के सवाल पर मुख्यमंत्री ने यह एलान किया। उन्होंने दोनों विधायकों से स्मार्ट सिटी के कार्यों में हुई अनियमितताओं की सूची भी मांगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी शिमला स्मार्ट सिटी की जगह स्टील सिटी बन गई है। धर्मशाला और शिमला में जहां-जहां स्मार्ट सिटी के कार्यों में अनियमितताएं बरती गई हैं, उसकी सूची उन्हें दी जाए। इसकी जांच करवाई जाएगी। पूर्व सरकार ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर ऐसे फैसले लिए, जिससे इस शहर में स्टील के ढांचे खडे़ कर दिए गए हैं। हाल ही में बरसात में स्लाॅटर हाउस ध्वस्त हुआ।
सीएम ने कहा कि शिमला शहर में स्टील वाले ढांचे खड़े करने पर रोक लगा दी गई है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मार्च 2024 में खत्म होगा। जो निर्माणाधीन प्रोजेक्ट सही मानकों पर काम कर रहे है, उन्हें पूरा किया जाएगा। कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा ने प्रश्नकाल के दौरान शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। जांच के लिए कमेटी गठित करने की मांग भी की। सुधीर ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना कांग्रेस शासन के दौरान आई थी, उसके बाद भाजपा की सरकार आई और भाजपा शासन में इन प्राजेक्टों का निर्माण हुआ। लेकिन इस दौरान इनकी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों से मलबा डंप हुआ है। शहर में डंपिग साइटों पर मलबा डंप नहीं किया जा रहा है। इससे ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित हो रहा है।