केन्द्र सरकार इस आपदा को ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ घोषित करे।
शिमला 09 सितंबर । सी.पी.आई.(एम) की लोकल कमेटी, कुसुम्पटी का आपदा से हुई क्षति का आकलन करने तथा प्रभावित लोगों को जल्द राहत प्रदान करने के उददेश्य से एक अधिवेशन का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रताप ठाकुर ने की। राज्य एवं जिला कमटी सदस्य जगत राम तथा प्रभारी जगमोहन ठाकुर ने इस अधिवेशन में विशेष रूप से हिस्सा लिया। जगत राम ने बताया कि इस बरसात में पूरे प्रदेश में आई भयंकर आपदा से आम जन जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। इसे पटरी पर लाने के लिए प्रदेश एवं केन्द्र सरकारों को तालमेल से कार्य करने की आवश्यकता है।
पार्टी ने आकलन किया कि प्रदेश में सरकारी आकलन के अनुसार 8649 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। परन्तु यह आकलन 12000 करोड़ रुपये तक जा सकता हैै। इसमें अभी तक 381 लोगों की जान गई है तथा 36 लोग लापता हुए है। सरकार के आकलन के अनुसार अभी तक 2466 मकान पूरी तरह से नष्ट हुए हैं तथा 10648 मकानों, 312 दुकानों के साथ 5517 गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है।
राज्य सरकार ने 10 अगस्त, 2023 तक 6746.93 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन कर केन्द्रीय ग्रह मंत्रालय को भेजा है। उसके बाद भी प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है तथा अब यह आंकड़ा 12,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। केन्द्र सरकार से अभी तक राज्य आपदा प्रतिक्रिया फण्ड के तहत 360.80 करोड़ रुपये प्राप्त हुए है तथा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया फण्ड के अन्तर्गत अभी 189.27 करोड़ रुपये प्राप्त हुए है। यह उसी 200 करोड़ रुपये में से है जो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के हिमाचल दौरे के दौरान जिसकी घोषणा की गई थी। यह पैसा 15वें वित्त आयोग के बजट में रखा गया था। 15वें वित्त आयोग की अवधि मार्च 2026 में समाप्त हो जाएगी। राहत मैन्युल में फसल के नुकसान के लिए मात्र 2000 रुपये प्रति बीघा ही राहत राशि रखी गई है जोकि काफी कम है।
कसुम्पटी क्षेत्र में स्थानीय विधायक एवं ग्रामीण विकास मंत्री हैं, पंचायतों का दौरा अवश्य कर रहे हैं जिसमें लोग प्रत्येक परिवार से चंदा एकत्रित करके शामियाना, फूलमालाएं, धाम, सम्मानित करने का सामान आदि खर्चे जरूर कर रहे हैं, लेकिन बदले में दस महीने बीत जाने के बाद भी विकास कार्यों की दशा में सुधार नजर नहीं आ रहा है। जबकि कसुम्पटी क्षेत्र में सबसे अधिक लगभग तीन सौ अवैध सड़कों को इस समय नियम के तहत वैध करने को अंजाम दिया जा सकता था।
सचिव सत्वान पुंडीर ने बताया कि अधिवेशन में 11 पंचायतों से आए 26 सदस्यों ने हिस्सा लिया। विभिन्न पंचायतों से आए प्रतिनिधियों ने बताया कि व्यक्तिगत एवं सामुदायिक रूप से हुई क्षति का पूर्ण रूप से आकलन नहीं किया गया है। लोकल कमेटी सदस्यों सत्यवान पुण्डीर, डाॅ. रीना सिंह, जोगिन्द्र शर्मा, प्रताप ठाकुर, हरिचंद, कृष्णानंद, जोगिन्द्र शर्मा, केशव दत्त कश्यप, मस्त राम कश्यप, रामकृष्ण वर्मा, सुनील, सीमा चैहान, पूनम शर्मा, विजय, अमर ठाकुर, कमला ठाकुर, नवीन शर्मा, होशियार सिंह, अशोक ठाकुर आदि सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया।