कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार अन्य राज्य में फंसे लोगों को घर वापस लाने के लिए खुद ही स्थिति तय नहीं कर पा रही है।
उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि देश के अन्य राज्यों में फंसे हिमाचल के लोगों को वापस लाने के लिए जिन अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया, उन्हें ही जानकारी नहीं कि वे नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।
सुधीर शर्मा ने कहा किस सरकार ऐसे लोगों के लिए व्यवस्था बनाने में फिलहाल नाकाम नजर आ रही ह। दिल्ली और चंडीगढ़ में लोगों और बच्चों को हिमाचल भवन और सदन बुलाया जा रहा है। लेकिन दिल्ली और चंडीगढ़ में कई जगह घर से निकलने पर भी पाबंदी है ऐसे में यहां फंसे लोग किस तरह से हिमाचल भवन पहुंच पाएंगे इसको लेकर सरकार ने कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की। उन्होंने कहा कि इस समय देश के हालात ऐसे बना दिए गए हैं जैसे हालात देश के विभाजन के समय हुए थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोग किसी भी राज्य में है, वो भारत में ही हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि यदि इन लोगों को वापस नहीं लाया जा सकता तो कम से कम उन्हीं राज्यों में इन लोगों के रहने की सही व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि नोडल अधिकारियों के नंबर देने के बजाय एक कॉल सेंटर की व्यवस्था करते। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन केंद्र के कॉल सेंटर की ही मदद लेते और ऐसे सभी लोगों की सूची बनाकर उन्हें लाने का प्रयास करते। क्योंकि एक नोडल अधिकारी मोबाइल पर इतने अधिक कॉल्स ना ही सुन सकता है और ना ही इस बारे में कुछ तय कर सकता है। लेकिन ऐसे हालात पैदा कर दिए जा रहे हैं कि लोग और डर रहे हैं।
विदेशों में फंसे भारत के लोगों को भारतीय वायु सेना द्वारा वापस लाने को लेकर सुधीर शर्मा ने कहा कि इस संबंध में हिमाचल सरकार को भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि ऐसे विदेश में यहां के कितने लोग फंसे हैं जो वापस आना चाहते हैं। इसको लेकर स्थिति सार्वजनिक की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से फिर कहा है कि इस घड़ी में बारी राज्य में फंसे लोगों को सुरक्षित लाने के लिए एक कॉल सेंटर की स्थापना करें और उस हिसाब से लोगों की वापसी की जाए। साथ ही बाहर से आ रहे हो सही तरीके से स्कैनिंग हो सके। इसके लिए भी सही व्यवस्था की जाए। क्योंकि कुछ दिन पहले भी कुछ जिलों से अचानक हजारों पास जारी करने से हालात बेकाबू हो गए थे। उन्होंने कहा कि इस समय सभी राज्यों में हिमाचल के लोग खासकर युवा वर्ग फंसा हुआ है। इसमें अधिकतर वो लोग हैं जो होटल लाइन से जुड़े हैं और इस समय उन्हें रहने तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।