शिमला जिले के दूर-दराज क्षेत्र के लोगों को अब प्रशासन घर-द्वार दवाइयां मुहैया करवाएगा। जिला दंडाधिकारी अमित कश्यप ने बताया कि दूरदराज के क्षेत्रों में जिन लोगों की दवाइयां आईजीएमसी की दुकानों में ही मिलती हैं, वहां के लोग पर्ची में दवाई का उल्लेख कर संबंधित एसडीएम को व्हाट्सऐप करें।
इसके बाद उपमंडलाधिकारी खंड चिकित्सा अधिकारी से दवाई का निर्धारित सत्यापन करवाकर शिमला उपायुक्त कार्यालय को भेजेंगे, जहां से दवाई प्राप्त कर विभिन्न क्षेत्रों में अधिकारियों को भेज दी जाएंगी।
इसके लिए रोहड़ू के लोगों के लिए 86278- 09190, 9418013706, रामपुर 88941-04302, कुमारसैन 70188-95550, ठियोग 94591-66166, शिमला ग्रामीण 98572-81085, 94592-64865, 98051-11284, शिमला ग्रामीण 78764-55858 और चौपाल के लोग 70181-74962 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा इन नंबरों पर आपातकालीन यात्रा के लिए परमिट के लिए भी संपर्क कर सकते हैं।
उपायुक्त अमित कश्यप ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए यही सब के हित में हैं कि लोग जहां हैं, वहीं रुके रहें। किसी आपातकाल स्थिति अथवा घर में हादसे या चिकित्सा परिस्थितियों की आवश्यकता की अवस्था के अनुरूप ही लोेगों को आने-जाने के लिए पास दिए जाएंगे।
डीसी ने कहा कि जिले में बाहर से आने वाले लोगों को जिले में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। यदि जिला के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा अन्य जिलों से लोग आते हैं तो उन्हें 14 दिन तक संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें घर जाने दिया जाएगा। कहा कि गंभीर परिस्थितियों और चिकित्सा अवस्था में लोगों को नहीं रोका जा रहा है। इसके तहत कीमो, प्रसव और चिकित्सा आपातकालीन स्थितियां शामिल हैं।
जिला प्रशासन ने रविवार को उत्तरप्रदेश के करीब 50 लोगों को शोघी के पास रोका और वापस ठियोग भेजा। यह लोग ठियोग से पलायन कर रहे थे। डीसी ने कहा कि चंडीगढ़ में पीजी में रह रहे बच्चों के अभिभावकों के संदेश आने पर उन्होंने प्रदेश सरकार से ऐसे बच्चों को हिमाचल भवन चंडीगढ़ में उनके खाने-पीने एवं अन्य व्यवस्था का आग्रह किया। इसके अलावा दिल्ली हिमाचल भवन तथा रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय दिल्ली में भी व्यवस्था करने की इस संबंध में सरकार से बात की गई है।