जिला युवा इंटक के पूर्व चीफ एडवाइजर और नैनादेवी विधानसभा चुनाव क्षेत्र के प्रमुख कांग्रेस नेता और समाजसेवी चौधरी प्रवीण कुमार ने कहा ही कि आज पूरी दुनिया के साथ साथ हमारे देश में भी जो कोरोना ने अपना पूरा कहर मचा रखा हुआ है।
जिसके चलते आज हमारे मजदूर अपना रोजगार खो चुके हैं उनको सरकार वित्तीय सहायता के लिए 10000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। उन्होंने कहा कि मजदूर दुकानदार छोटे उद्यमी छोटे कारोबारी जो करोना महामारी की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
सरकार उनके लिए वित्तीय सहायता देने का प्रावधान करें और उनके खाते में ₹10000 की वित्तीय सहायता प्रदान करें और मजदूरों को मनरेगा में 200 दिन का काम दिया जाए। युवा इंटक के पूर्व मुख्य सलाहकार चौधरी प्रवीण कुमार ने शिक्षक एवं शिक्षित वर्ग को लेकर भी सरकार के सामने गंभीर सवाल उठाए हैं.।
प्रवीण कुमार ने सरकार के समक्ष आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा हिमाचल प्रदेश में लगभग 4500 प्राइवेट स्कूल हैं और इन स्कूलों ने करीब करीब 75 से 80 हजार शिक्षक ,लैब अटेंडेंट ,लिपिक लेखांकन, ड्राइवर एवं चतुर्थ श्रेणी के लोगों को रोजगार मुहैया करवाया हुआ है परंतु करोना जैसी वैश्विक महामारी के कारण करीब 80 हजार परिवारों का भविष्य खतरे में आ गया है।
प्रवीण कुमार ने सरकार से मांग की है कि प्राइवेट संस्थानों की बसों पर जो पैसेंजर टैक्स, टोकन टैक्स ,मासिक इंस्टॉलमेंट जैसी व्यय है उन्हें माफ कर देना चाहिए ताकि इस संकटकाल में प्राइवेट स्कूल अपने वजूद को बनाए रखने में कायम रहे साथ ही उन्होंने निजी शिक्षण संस्थान संचालकों से भी अनुरोध किया है कि जो व्यक्ति स्कूल फीस देने में सक्षम नहीं है उनकी फीस माफ कर देनी चाहिए।
ऐसा करने से हम अपने शिक्षित वर्ग के साथ-साथ देश की भावी पीढ़ी को भी बचा सकते हैं प्रवीण कुमार ने कहा है कि हमें देश के प्रति एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें समाज सेवा में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए और और हमें जो हमारी कोरोना वारियर्स है उनके साथ नम्रता से पेश आना चाहिए और सरकार और प्रशासन द्वारा चलाए गए नियमों का पालन करना चाहिए