लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा मनरेगा कार्यों में छूट दिए जाने सेे मशोबरा ब्लॉक में 87 विकास कार्य आरंभ हुए, जिनमें 383 मजदूरों को घरद्वार पर रोजगार प्राप्त हुआ है ।
बता दें कि मनरेगा के कार्य आरंभ होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन धीरे धीरे सामान्य होने लगा है । गलोत पंचायत के जितेन्द्र कुमार, घनहाटी से हरमेश, धमून गांव के रमेश कुमार, हलोगधामी से रूकमणी , जुन्गा से राजेश सहित अनेक लोगों ने बताया कि मनरेगा के तहत जहां उनकी निजी भूमि को कृषि योग्य बनाया जा रहा है वहीं पर उन्हें अपने वार्ड में मजदूरी कमाने का मौका मिल रहा है ।
विशेषकर महिला मजदूर मनरेगा के कार्य आरंभ होने से काफी प्रसन्न है इनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान काम न मिलने के कारण घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा था । और मनरेगा के माध्यम से वह स्वाबलंबी बनी है अन्यथा उन्हें घर के छुपपुट खर्चो के लिए अब किसी निर्भर नहीं होना पड़ रहा है।
खंड विकास अधिकारी मशोबरा बीआर वर्मा ने बताया कि मशोबरा ब्लॉक में कुल 48 पंचायतें है और सरकार द्वारा मनरेगा कार्य में छूट देते के उपरांत हर पंचायत में औसतन दो-दो विकास कार्य आरंभ कर दिए गए हैं । जिनमें मुख्यतः भूमि सुधार, रास्तों और टैंकों का निर्माण इत्यादि कार्य शामिल हैं । उन्होने बताया कि किसानों को अपनी भूमि सुधार और व्यक्तिगत टैंक के निर्माण के लिए क्रमशः एक-एक लाख की राशि दी जाती है जिसके अधिकांश मामले स्वीकृत किए गए है।
बीआर वर्मा ने बताया कि मशोबरा ब्लॉक में गत वर्ष के दौरान मनरेगा के तहत करीब साढ़े तीन करोड़ की राशि व्यय करके 1.35 लाख कार्यदिवस अर्जित किए गए है । उन्होने बताया कि सिविल कार्यों में उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री सीमेंट, सरिया, रेतव बजरी आदि के लिए भी धनराशि जमा कर दी गई है तथा लॉकडाउन खुलने के उपरांत विकास कार्यो युद्धस्तर आरंभ किए जाएंगे ताकि लोगों को अपने ही वार्ड मंे रोजगार मिल सके