पर्यावरण संरक्षण और आयुर्वेदिक औषधियां तैयार करने के लिए जागरूक किया
शिमला, अगस्त 25
शिमला, अगस्त 25
सत्य साईं सेवा संगठन शिमला और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय परिसर में औषधीय पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान सत्य साईं संगठन शिमला और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों ने 109 औषधीय पौधे लगाए। छात्र-छात्राओं को इन औषधीय पौधों की खासियत बताते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। साई संगठन शिमला की ओर से जिला प्रेसिडेंट एडवोकेट नीरज शर्मा और प्रो. डॉ. लखनपाल के मार्गदर्शन पर यह औषधीय पौधारोपण अभियान शुरू किया जिसमें औषधीय पौधे बोगेनवेलिया, नीम, आंवला, बेहडा, गिलोय, अमलतास, सहजन, चिंचा, घृत कुमारी, शाल्मली, सीसम, बिभितक, खदिर, तुलसी, कालमेघ, अडूसा जैसे औषधीय पौधे लगाए गए।
इस दौरान प्रो. डॉ. लखनपाल ने मौजूद सभी को पौधे और वृक्षों का संरक्षण करके प्रकृति के साथ सहयोगी बनने के लिए प्रेरित किया। प्रो. डॉ. लखनपाल ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रकृति माँ हैं और इसका संरक्षण तभी संभव जब हर इंसान वृक्षारोपण करेगा और इसकी देखभाल करेगा है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण तो हर साल बड़े पैमाने पर विश्व में होता है लेकिन वृक्षारोपण के बाद पौधों को बड़ा होने और उन्हें संवारने के लिए विशेष देखभाल नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि ग्लोबलबर्मिंग का मुख्य कारण घटते वन और मनुष्य की बढ़ती लालसाएं हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रकृति के साथ मित्रवत और माँ जैसा व्यवहार रखना चाहिए और एक सकारात्मक सामजस्य बैठाना चाहिए। उन्होंने विविध औषधीय पौधों के नाम, गुण, उपयोग के बारे में जानकारी दी और इस तरह के पौधे लगाकर घरों पर ही आयुर्वेदिक औषधियां तैयार करने के लिए जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक उत्पादों के प्रति लोगों की बढ़ती रूचि के परिणामस्वरूप औषधीय पौधों का अंतरराष्ट्रीय बाजार में महत्व बढ़ा है। औषधीय पौधे स्वदेशी चिकित्सा पद्धति के लिए प्रमुख संसाधन हैं। आयुष प्रणालियों की राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर पहुंच और स्वीकार्यता, गुणवत्तापूर्ण औषधीय पौधों पर आधारित कच्चे माल की निर्बाध उपलब्धता पर निर्भर है, जिससे औषधीय पौधों का व्यापार निरन्तर बढ़ रहा है।
इस पावन कार्य में छात्र-छात्राओं सहित स्थानीय लोगों और शहरभर से अनेक समाजसेवियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। वहीं एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत, प्रो-चांसलर प्रो.डॉ. रमेश चौहान, रजिस्ट्रार डॉ. अंकित ठाकुर, डीन एकेडेमिक्स प्रो. आनंदमोहन, प्रो. अश्वनी शर्मा, डॉ नीलम शर्मा, डॉ. मनिंदर कौर ने पौधरोपण कर प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना से ओत प्रोत इस पावन अभियान में सभी ने अपनी अति महत्वपूर्ण भूमिका का कुशल निर्वहन किया और विश्वविद्यालय के चांसलर सुमन विक्रांत और प्रो-चांसलर प्रो.रमेश चौहान ने सत्या साईं संगठन ज़िला शिमला की प्रकृति के प्रति प्रेम व प्रेम तरु अभियान के लिए धन्यवाद किया।
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