शिमला 25 अगस्त। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने कर्मचारीयों और पेंशनरों के साथ घोर अन्याय कर रही है और जिस वर्ग ने इस सरकार को सत्ता में बिठाया, सरकार उन्हीं के साथ विश्वासघात कर रही है। यह आरोप लगाते हुए सिरमौर जिला पेंशनर्स एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार मेलाराम शर्मा ने कहा कि सरकार पेंशनरों के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाकर उनके बुढ़ापे को और मुसीबत में डाल रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब यह सिद्ध हो चुका है कि कांग्रेस की सरकार पूर्ण रूप से कर्मचारीयों और पेंशनर्स की विरोधी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के वक्तव्यों से यह स्पष्ट हो चुका है कि यह सरकार ना तो कर्मचारीयों को महंगाई भत्तों की अदायगी करना चाहती है और ना ही पेंशनर्स की ग्रेच्युटी और बड़े हुए भत्तों का भुगतान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स अपनी पूरी जिंदगी सरकार की सेवा में लगाने के उपरांत अपने बुढ़ापे के लिए जो जमा पूंजी बचा कर रखते है, उसे वर्तमान सरकार ने दबा कर रखा है और बहुत सारे पेंशनर तो गत दो वर्षों के दौरान अपना बकाया बगैर लिए ही स्वर्ग सुधार चुके हैं । उन्होंने कहा कि पेंशनर्स जीवन भर की जमा पूंजी जीवन के अंतिम पड़ाव में अपने लिए मकान बनाने, बच्चों के शादी ब्याह और अपने बुढ़ापे के लिए संसाधन जुटाने और अनेक बीमारीयों के ईलाज के उपयोग में लाते हैं परंतु पेंशनर्स की ग्रेच्युटी और बढ़े हुए भत्तों के लाखों रुपए सरकार के पास फंसे होने के कारण अब सभी पेंशनर्स बहुत कठिन जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं । हर पेंशनर अपनी पूंजी के पाई पाई के लिए तरस रहा है । उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कर्मचारी और पेंशनरों ने बड़ी उम्मीद के साथ सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को सत्ता में लाया था परंतु अब सभी पेंशनर्स और कर्मचारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि बुढ़ापे के इस अंतिम पड़ाव में सरकार पेंशनरों को संघर्ष और सड़क पर उतरने के लिए मजबूर ना करें और तुरंत उनकी ग्रेच्युटी और बढ़े हुए भत्तों की अदायगी करें ताकि जीवन के अंतिम चरण में पेंशनर्स अपनी जमा पूंजी का उपयोग कर सकें।