मंडी
बेटे ने मां को घुटने के दर्द की दवा बताकर चिट्टे की डोज दे दी। दर्द से राहत मिली तो मां ने दूसरे दिन फिर वही दवा मांग ली। सिलसिला चलता रहा। इसी बीच मां को नशे की लत लग गई। नशे के लिए घर से पैसे नहीं मिले तो बच्चों ने मां-बाप को भी चिट्टा चखा दिया। किसी ने घुटने के दर्द की दवा बताई तो किसी ने अन्य बहाना बनाकर धोखे से परिजनों को इस चक्रव्यूह में फंसाया।
एक-दो नहीं, बल्कि ऐसे करीब 20 परिवार हैं, जो इस लत के शिकार हो गए हैं। नशे की ऐसी लत लगी है कि मां-बाप खुद पैसा देकर चिट्टा मंगवा रहे हैं। पैसे कम पड़ गए तो रिश्तेदारों से उधार लिया। अब उधार नहीं मिल रहा तो गहने-बर्तन और पेड़ों को बेचकर नशे का इंतजाम किया जा रहा है।यह सनसनीखेज मामला मंडी जिला मुख्यालय से करीब 43 किलोमीटर दूर बिलासपुर जिला की सीमा पर स्थित सुंदरनगर उपमंडल के सलापड़ क्षेत्र का है।