नवाचार के नए द्वार खोलने की पहल पर जुटे देश- विदेश के शोधार्थी और विशेषज्ञ
शिमला, मई 22
हिमाचल प्रदेश के प्रोफेशनल और तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, विज्ञान और टेक्नोलॉजी में नवाचार विषय पर दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन का वीरवार को विश्वविद्यालय के सभागार में स्कूल ऑफ इंजीनियर एवं टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ साइंसेज, स्कूल ऑफ कंप्यूटर इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ एलाइड साइंसेज एवं हेल्थ केयर और स्कूल ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की ओर से संयुक्त तत्वाधान में डीन प्रो. डॉ. अंकित ठाकुर, विभागाध्यक्ष डॉ. मनिंदर कौर, मोहित कुमार, ललित कुमार, डॉ. देविका राणा की अगुवाई में आयोजन किया गया। इस विशेष अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देश विदेश से आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के विशेषज्ञों, शोधार्थियों, प्राध्यापकों और छात्रों ने अपने अपने शोध प्रस्तुत किए। यह कॉन्फ्रेंस ऑफलाइन और ऑनलाइन आयोजित की गई जिसमें बड़ी संख्या में देश विदेश के छात्रों ने भाग लिया। इस विशेष कॉन्फ्रेंस में स्टेट टैक्सेशन एंड एक्साइज विभाग शिमला की असिस्टेंट कमिश्नर पूनम ठाकुर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत ने बतौर वशिष्ट अतिथि शिरकत कर इस कॉन्फ्रेंस का मां सरस्वती के सम्मान में दीपप्रज्वलकर शुभारंभ किया। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ.आर. एस. चौहान ने मुख्य अतिथि असिस्टेंट कमिश्नर पूनम ठाकुर और विशिष्ट अतिथि चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत का हिमाचली टोपी, शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। मुख्य अतिथि असिस्टेंट कमिश्नर पूनम ठाकुर ने छात्रों, शिक्षकों, शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी में हो रहे नए नए नवाचारों के साथ आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के आगमन से आज हर क्षेत्र में नवाचारों को गति मिल रही है और मानव विकास में इन नवाचारों से मदद हो रही है और भविष्य में भी नए -नए नवाचारों पर प्रयोग होते रहेंगे। असिस्टेंट कमिश्नर पूनम ठाकुर ने कहा कि आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से गुणात्मक शिक्षा के लिए आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस मददगार साबित हो रहा है बल्कि यह राजस्व, टैक्स, एक्साइज, स्वास्थ्य से लेकर हर क्षेत्र में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस की तकनीक से कार्यों को तेजी और आसानी से किए जाने के लिए इस आधुनिक तकनीक से सहायता हो रही, परन्तु आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस तकनीक का प्रयोग करने के साथ प्रयोगकर्ता को इस तकनीक का प्रयोग करते हुए मानव मूल्यों पर अमल करते हुए ईमानदार और नैतिकता के मायनों को नहीं भूलना चाहिए। असिस्टेंट कमिश्नर ठाकुर ने कहा कि आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस तकनीक का प्रयोग दिन प्रतिदिन के जीवन में प्रयोग तो किया जा सकता है, लेकिन यह तभी सफल माना जाएगा जब इस तकनीक का प्रयोग मानव हित, समाज और राष्ट्र के विकास में साकारात्मक रूप से होगा। असिस्टेंट कमिश्नर पूनम ठाकुर ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस में नवाचारों पर अनुसंधान करने और छात्रहित में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर कॉन्फ्रेंस के आयोजकों, शिक्षकों और प्रबंधन विभाग की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा जगत में मानव विकास से जुड़े नवाचारों पर अनुसंधान करते रहना चाहिए। ठाकुर ने कहा कि आप चाहे किसी भी पृष्ठभूमि से जुड़े हैं, आपको आज के तकनीकी युग में तकनीक के साथ परिवर्तन करना चाहिए, यह परिवर्तन साकारात्मक होना चाहिए न कि नकारात्मक।
कॉन्फ्रेंस के दौरान कुलपति प्रो. डॉ. आर. एस. चौहान ने छात्रों, शिक्षकों और शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के टेक्नोलॉजी से संबंधित कार्यक्रम न केवल छात्रों की प्रतिभा को मंच देते हैं, बल्कि उनके नैतिक मूल्यों को भी सशक्त करते हैं। ऐसे आयोजन छात्रों में टीम वर्क की भावना, नेतृत्व, तकनीक के क्षेत्र में नए नवाचारों और समय प्रबंधन जैसे कौशलों को निखारने में भी सहायक होते हैं। कुलपति चौहान ने कहा कि कंप्यूटर तकनीक और आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस आज की जरूरत है। आज के बदलते दौर की मांग के अनुसार टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर तकनीक के साथ आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस जैसी आधुनिक तकनीक रक्षा क्षेत्र से लेकर उद्योग और शिक्षा से लेकर आत्मनिर्भर होने और मानव विकास उपलब्धियों के लिए आवश्यक है और ऐसे नवाचारों के लिए हमारा राष्ट्र और मानव समुदाय युवा पीढ़ी से उम्मीद करता है कि अपनी पढ़ाई को नवाचारों से जोड़कर हर क्षेत्र में तकनीक के माध्यम से जनकल्याण के साथ साथ आत्मनिर्भर बनकर देश और समाज खुशहाली के लिए काम करें। कुलपति चौहान ने कहा आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस बेशक नए नए नवाचारों को जन्म दे रहा है, लेकिन इसके प्रयोग के साथ साथ मानव चेतना, नैतिकता और जनकल्याण का भी समावेश होना जरूरी है नहीं तो भविष्य में रोबोट पर आधारित मशीन लर्निंग के अपने अधिकार मनुष्य के व्यक्तिगत जीवन, मानव मूल्यों और मानव समुदाय के लिए चुनौती बन सकते हैं यदि ऐसी तकनीक का प्रयोग सही दिशा में नहीं होता है। कुलपति चौहान ने इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के सफल आयोजन के लिए प्रो. डॉ. अंकित ठाकुर, प्रो. डॉ. मनिंदर कौर, ललित कुमार, मोहित कुमार, डॉ. देविका राणा, डीन एकेडमिक्स प्रो. डॉ. आनंद मोहन शर्मा, कॉन्फ्रेंस से जुड़े प्राध्यापकों और छात्रों की सराहना की। कुलपति चौहान ने इस कॉन्फ्रेंस के आयोजन में सहयोग के लिए प्रायोजकों एसजेवीएन कंपनी शिमला और अल्ट्रेक सीमेंट कंपनी का धन्यवाद किया। कॉन्फ्रेंस के पहले टेक्निकल सत्र की अध्यक्षता एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक्स प्रो. डॉ. आनंदमोहन शर्मा, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी की ओर से डीन प्रो. डॉ. अंकित ठाकुर, स्कूल ऑफ साइंसेज की ओर से डॉ. कर्ण सिंह और प्रो. डॉ. बी. एस. चौहान की अध्यक्षता में की गई। टेक्निकल सत्र के दौरान शोधार्थियों, प्राध्यापकों और छात्रों ने आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों पर्यावरण, विज्ञान, स्वास्थ्य आदि विषयों पर शोध प्रस्तुत किए। इस दौरान आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस तकनीक से संबोधित छात्रों और प्रतिभागियों की ओर से पूछे सवालों का जवाब देते हुए शोधार्थियों और विशेषज्ञों ने उनकी शंकाओं को दूर किया।
कॉन्फ्रेंस में पहुंचे और ऑनलाइन मोड से जुड़े आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस तकनीक के विशेषज्ञों ने आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मूल सिद्धांतों और इस तकनीक के उपयोग और भविष्य की संभावनाओं के बारे में बताया। विशेषज्ञों ने आधुनिक आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) टूल्स की कार्यप्रणाली को सरल भाषा में समझाया। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण और व्यवसाय में इनके उपयोग को भी विस्तार से बताया। उन्होंने इंटरनेट की तकनीकी संरचना जैसे आईपी एड्रेस, डोमेन नेम और वेब होस्टिंग और कंप्यूटर कोडिंग पर भी जानकारी दी। इससे प्रतिभागी छात्रों की आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस तकनीक की समझ बढ़ी कि किस तरह से आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस टूल्स का सदुपयोग किया जाना चाहिए। विशेषज्ञों ने बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक नए युग की शुरुआत कर रहा है। एआई की प्रगति ने विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा दे रहा है, जिससे हमारे दैनिक जीवन में सुधार हो रहा है
वहीं इस कॉन्फ्रेंस में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग, कंप्यूटर, विज्ञान, पैरामेडिकल के छात्रों ने नए नवाचारों से संबंधित मॉडल और एडवांस्ड कम्प्यूटिंग और एआई से सम्बन्धित तकनीकी प्रदर्शनियां भी प्रस्तुत की। जिसमें विभिन्न विषयों पर आधारित वर्किंग व लाइव मॉडल्स प्रदर्शित किए गए।
पहले दिन की इस कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि असिस्टेंट कमिश्नर पूनम ठाकुर, चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत, कुलपति प्रो. डॉ. आर. एस. चौहान और कुलसचिव प्रो. आर. एल.शर्मा और डीन एकेडमिक्स प्रो. डॉ. आनंदमोहन शर्मा, परीक्षा नियंत्रक अफजल खान, डीन स्टूडेंट वेल्फेयर डॉ. नीलम रत्न शर्मा और डीन फैकल्टी डॉ. अमनदीप चौहान ने शोधार्थियों, प्रतिभागियों और मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर पुरस्कृत किया। कॉन्फ्रेंस के दौरान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।