जिला बिलासपुर स्वास्थ्य खंड मारकंडा के तहत आने वाली पीएचसी बैहल में 9 माह से डॉक्टर का पद खाली होने की वजह से लगभग 5000 की आबादी वाले क्षेत्र के साथ-साथ अन्य क्षेत्र के लोगों को भी परेशानियों सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा बैहल में एक बहुत बड़े स्वास्थ्य भवन का निर्माण किया हुआ है जिसमें लगभग 10 बेड लगाए हुए हैं। अगर स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें यहां 9 महीने से डॉक्टर का ना होना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। इस संबंध में पहले भी मीडिया के माध्यम से सरकार को अवगत कराया गया लेकिन समस्या जस की तस रही जैसा कि आप सभी को विदित है कि आज हमारे देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। उस कड़ी में डॉक्टर का पद खाली होना एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण विषय है यहां बताते चलें की लगभग 9 माह से मरीजों को दवाई तो दी जाती है लेकिन उनकी पर्ची नहीं बनाई जाती इस विषय मे जब प्राइमरी हेल्थ सेंटर बैहल में तैनात कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पर्ची बनाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है डॉक्टर का पद खाली होने के कारण लोगों को पंजाब के आनंदपुर साहब या नालागढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जाना पड़ रहा है। जिससे लोगों का पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं गौरतलब है कि प्राइमरी हेल्थ सेंटर बैहल में ग्राम पंचायत कोडां वाली ग्राम पंचायत बैहल के अलावा पंजाब क्षेत्र के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए यहां पहुंचते हैं क्योंकि यह क्षेत्र तीनों ओर से पंजाब की सीमा से सटा हुआ है।
डॉक्टर का पद खाली होने के कारण स्कूली बच्चों और अन्य लोगों को मेडिकल बनाने के लिए भी दर-दर भटकना पड़ रहा है स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार जल्दी इस समस्या का समाधान नहीं करती है तो उन्हें विवश होकर आंदोलन की राह का रुख करना पड़ेगा जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार विभाग की होगी।
“पी एच सी बैहल में डॉक्टर के चल रहे रिक्त पद का मामला ध्यान में है तथा सरकार को भी इस बारे में अवगत करवा दिया गया है।” प्रकाश दड़ोच, सी एम ओ- बिलासपुर