शिमला
मुख्यमंत्री सूखविंदर सिंह ने 24 घंटों में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट milkfed से हटाए आईएफएस राजेश शर्मा। अब इसका क्या कराण है की उन्हें क्यों हटाया गया इस पर तो अफ्सरशाही भी आना कांई कर रहे बोलने से पर यह सच है की सुकखू सरकार ने पहली बार अपने लिए गए निर्णय से पलटी है।
बता दे मंगलवार को भारतीय वन सेवा के अधिकारी राजेश शर्मा को मिल्कफेड का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था। इस फैसले को चौबीस घंटे भी न हुए थे कि सरकार ने राजेश शर्मा को मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक की बजाय अब सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की जिम्मेदारी दे दी। वहीं, मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक चले आ रहे एचपीएएस अधिकारी भूपेंद्र कुमार को एक ही दिन बाद फिर से पुराने पद पर तैनाती के आदेश जारी किए गए।
अधिसूचना में कहा गया कि राजेश शर्मा जिनका वर्तमान में एमडी मिल्कफेड के पद पर पोस्टिंग के आदेश दिया गया है, को सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का परियोजना निदेशक लगाया जाता है. साथ ही अधिसूचना में कहा गया कि भूपेंद्र कुमार फिर से मिल्कफेड में ही एमडी रहेंगे. राजेश शर्मा वर्ष 2000 बैच के आईएफएस अधिकारी।
उन्हें सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए चुना गया और फिर 24 घंटे में ही तबादला आदेश संशोधित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि राज्य में कांग्रेस ने चुनाव से पहले दस गारंटियां दी थी। उनमें दूध खरीद की गारंटी ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़ी है। इस गारंटी को पूरा करने के लिए मिल्कफेड का योगदान है और सुखविंदर सिंह सरकार ने इसी मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक के पद के लिए राजेश शर्मा को चुना था। उनके तबादला आदेश संशोधित होने पर अब हर जगह चर्चाओं हो रही है।
वही अगर भूपेंद्र अत्रि की बात की जाए तो उन्होंने milkfed को शून्य से लेकर आज इस मकान पर खड़ा किया है की लोगो में milkfed से बनी चीजों का एक क्रेज़ आगया है। इतना ही नहीं milkfed के टर्नओवर भी हर साल बढ़ता दिख रहा है। भूपेंद्र अत्रि के योगदान से हर गौशाला वाला या वाली अपनी खुद की आमदनी कर पा रहे है।