शिमला 25 अक्तूबर । राजकीय महाविद्यालय कोटी की नशा निवारण समिति ने रेड रिब्बन क्लब, एन.एस.एस. एवं सामाजिक विज्ञान समिति के संयुक्त तत्वावधान में बच्चों में तेजी से फैल रही नशे प्रवृति से बचाने के उददेश्य से एक विशेष कार्याशाला का आयोजन किया गया । प्राचार्य डॉ0 दीपशिखा भारद्वाज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नशा नाश का द्योतक है जिसके सेवन से कोई भी सुखी एवं स्वस्थ नहीं रह सकता है । उन्होने कहा कि स्कूली बच्चे और युवा विभिन्न प्रकार के नशे का शिकार हो रहे हैं जोकि एक चिंता और चिंतन का विषय है । उन्होने बच्चों को नशे से दूर रहने की सलाह दी और कहा कि यदि कोई व्यक्ति उन्हें नशे के लिए प्रेरित करता है उसकी सूचना अपने माता पिता अथवा स्कूल प्रिंसीपल को अवश्य दें ताकि ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध कानूरी कार्यवाही की जा सके ।
राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक डॉ. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि आज नशे के संदर्भ में हिमाचल इस स्थिति में पहुँच चुका है कि अब हमें जागरूक अभियानों की नहीं, बल्कि निवारण के उपायों की आवश्यकता है, क्योंकि नशा हमारे घर के भीतर प्रवेश कर चुका है। आज के समय में हिमाचल के युवा देश में नशे की चपेट में सर्वाधिक आ रहा है। इन्होंने नशे की विभिन्न किस्मों से बच्चों को अवगत करवाया तथा साथ ही छात्रों को इनसे बचने के उपाय भी बताएँ।
इससे बचने के अनेक उपायों के बीच नाइस कॉन्सेप्ट के बारे में बताया कि कैसे यदि कोई आपको इस ओर खींचने की कोशिश करे तो इससे कैसे बचा जा सकता है। एन अर्थात सीधी मनाही, आई स्टेटमेंट अर्थात मुझे पसंद नहीं, सी विषय को बदलो , ई अर्थात बाहर निकालो । इस सूत्र से आप किसी भी व्यक्ति द्वारा आपको नशे की ओर खींचे जाने से बच सकते हैं।
नशा निवारण समिति के समन्वयक डॉ. अजय कायथ ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा ।