मुंबई / शिमला
प्रख्यात लेखक एस.आर.हरनोट की बहुचर्चित कहानी “बिल्लियां बतियाती है” मुंबई विश्वविद्यालय के अधीन सीकेट स्वायत्त महाविद्यालय के बी.ए के पाठयक्रम में देश के कई प्रतिष्ठित लेखकों के साथ शामिल की गई है।
यह कहानी जब पहल में प्रकाशित हुई तो हरनोट
एकाएक चर्चा में आए थे और उसके बाद उनकी चर्चा हिन्दी जगत में कभी थमी ही नहीं। मुंबई यूनिवर्सिटी में एक छात्रा वन्दना अग्रहरी हरनोट के साहित्य पर पी.एचडी भी कर रही है।
“बिल्लियां बतियाती है” कहानी हरनोट के बहुचर्चित कहानी संग्रह “दारोश तथा अन्य कहानियां” में प्रकाशित है जो वर्ष 2002 को आधार प्रकाशन से प्रकाशित हुआ था। इस संग्रह को आलोचकों और पाठकों ने हाथोहाथ लिया और शायद ही हिंदी की कोई पत्रिका रही हो जिसमें इस संग्रह के रिव्यू न छपे हो। कई भाषाओं में यह कहानी अनुवादित है। इसी संग्रह को वर्ष 2003 का अंतरराष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान भी मिला और हिमाचल साहित्य अकादमी का पुरस्कार भी। बाद में इसी शीर्षक से 14 अंग्रेजी कहानियों के अनुवाद की पुस्तक “Cat’s Talk” कैंब्रिज स्कॉलर प्रैस लंदन से प्रकाशित हुई जिसका संपादन जानीमानी लेखिका क्रिटिक प्रो. मीनाक्षी.एफ.पॉल और डॉ. खेम राज शर्मा ने किया है। इस कहानी के कई नाट्य मंचन भी हो चुके हैं।
इस से पूर्व भी हरनोट की कहानियां हिमाचल विश्वविद्यालय सहित देश के कई विश्वविद्यालयों के बी.ए और एम.ए के पाठ्यक्रमों में लगी है। केरल सहित कई स्कूलों में भी पढ़ाई जा रही है। हरनोट के साहित्य पर अब तक 31 से ज्यादा एम.फिल और 15 के करीब पीएचडी हो चुकी है। इस वर्ष इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, मध्य प्रदेश रीवा और लखनऊ यूनिवर्सिटी में भी पीएचडी का पंजीकरण शोध छात्रों ने हरनोट के साहित्य पर करवाया है। हरनोट ऐसे लेखक है जिनकी हर पुस्तक चर्चा में रहती है। गत वर्ष वाणी प्रकाशन दिल्ली से छपा उनका उपन्यास भी खूब चर्चा में है जिसका साल में ही दूसरा संस्करण छप गया है।
हरनोट ने इस कहानी के मुंबई यूनिवर्सिटी के कॉलेज में पाठक्रम में शामिल करने के लिए चयन समिति और विशेषकर मुंबई विश्वविद्यालय में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. हूब नाथ सिंह जी का आभार जताया है।