योजना की सहायता से स्वरोजगार स्थापित कर डाडी कनियां निवासी राजेंद्र कौर बनीं क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा की मिसाल।
बेरोजगारी की चुनौती से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा घर द्वार पर ही रोजगार व स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं इसी कड़ी में आरंभ की गई मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना नालागढ़ उपमंडल के युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के माध्यम से अपने ही गांव में कारखाना स्थापित कर।
इस क्षेत्र की ग्राम पंचायत कृपालपुर के गांव डाडी कनियां निवासी राजेंद्र कौर पत्नी रवि कांत ने क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार की न केवल मिसाल पेश की है बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार का अवसर भी प्रदान किया है। वर्ष 2016 में एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात राजेंद्र कौर ने स्वरोजगार को आय के साधन के रूप में अपनाने का निर्णय लिया। पढ़ाई पूरी होने के कुछ माह के पश्चात ही वर्ष 2017 में राजेंद्र कौर की ग्राम पंचायत कृपालपुर के गांव डाडी कनियां निवासी रवि कांत से शादी हुई। शादी के पश्चात भी राजेंद्र कौर अपनी शैक्षणिक योग्यता एवं दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते कोई ऐसा कारोवार करना चाहती थी जिसे खुद के लिए रोजगार का साधन अपनाए जाने के साथ साथ आसपास के क्षेत्र में अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान किया जा सके। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी स्वरोजगार स्थापित करने के लिए निवेश की राशि को जुटाना।
इसी दौरान वर्ष 2018 में उन्हें हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए आरंभ की गई मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। राजेंद्र कौर ने वर्ष 2018 की अंतिम तिमाही में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी हासिल की तथा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए विस्तृत कार्य योजना पर कार्य करना शुरू कर दिया। वर्ष 2019 की प्रथम तिमाही में उद्योग विभाग की एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से योजना की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राजेंद्र कौर ने गांव में ही कारखाना स्थापित करने के लिए एक स्थानीय व्यक्ति से 10 वर्ष की अवधि के लिए जमीन लीज पर ली। जिस पर भवन निर्मित करने के पश्चात वर्ष 2019 की अंतिम तिमाही में कांटा तार, चैन लिंक जाली तथा कीलों के निर्माण से संबंधित दक्ष वायर फेंसिंग नामक कारखाना शुरू किया। वर्तमान में राजेंद्र कौर के कारखाने में 5 लोग कार्य कर रहे हैं जिसमें उनके पति रवि कांत भी शामिल हैं। राजेंद्र कौर ने बताया कि उनके पति रवि कांत पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं तथा उनके व्यवसाय में महत्वपूर्ण सहयोग कर रहे हैं।
रविकांत ने इससे पहले औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में 6 वर्ष तक मैकेनिकल इंजीनियर की नौकरी की है।
राजेंद्र कौर के मुताबिक उनके दक्ष वायर फैंसिल नामक कारखाना में सालाना औसतन उत्पादन मांगानुसार लगभग 75 से 80 लाख रुपए हो रहा है,तथा बनाए गए उत्पाद क्षेत्र में हार्डवेयर दुकानों, शिक्षण संस्थानों, वन विभाग तथा अन्य स्थानीय ग्राहकों द्वारा सीधे खरीदे जा रहे हैं। कारखाने का मासिक खर्चा लगभग 70 हजार है जिसमें कामगारों के वेतन, ऋण की किस्त तथा अन्य खर्चे शामिल हैं। वर्ष 2020 में कोरोना अवधि की मंदी के बावजूद भी दक्ष फेंसिंग कारखाना बैंक ऋण की किस्त, कामगारों का वेतन तथा अन्य खर्चे निकाल कर लाभ अर्जित कर रहा हैं। अपने इस कारोबार की सफलता से उत्साहित राजेंद्र कौर ने प्रदेश के युवाओं का आह्वान किया है कि वे अपने गांव से दूर जाकर रोजगार ढूंढने की बजाय मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की सहायता से अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं तथा स्थानीय उत्पादों पर आधारित लघु उद्योग लगाएं, जिससे न केवल उन्हें स्वयं रोजगार प्राप्त होगा बल्कि उनके द्वारा स्थापित स्वरोजगार इकाई में अन्य स्थानीय व्यक्तियों को भी घर द्वार पर ही रोजगार का लाभ प्राप्त होगा।
राजेंद्र कौर द्वारा स्थापित दक्ष वायर फेंसिंग कारखाने की कुल लागत 45 लाख रुपए है जिसमें लगभग 25 लाख रुपए सरकार की स्वीकृति के पश्चात यूको बैंक नालागढ़ से ऋण लिया गया है जबकि 20 लाख रुपए उन्होंने अपनी ओर से खर्च किए। उन्होंने बताया कि लिए गए ऋण पर प्रदेश सरकार की ओर से 30% अनुदान मिला है जबकि 3 वर्ष के लिए 5% ऋण अनुदान भी सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं को स्वाबलंबी बनाने के लिए अनेक सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं तथा इस दिशा में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना नालागढ़ उपमंडल में स्वरोजगार की दृष्टि से वरदान सिद्ध हो रही है।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निकट भविष्य में बीबीएन क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा इलेक्ट्रिकल उपकरण पार्क तथा प्लास्टिक उत्पाद पार्क स्थापित करने की भी योजना है जिन्हें मूर्त रूप देने के पश्चात इस क्षेत्र में न केवल करोड़ों रुपए का निवेश होगा बल्कि हजारों की संख्या में प्रदेश वासियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।