गुरूकुल में 31 अक्तूबर से होगा ताल और साधना का अद्भुंत संगम ं-विक्रम
शिमला 11 अक्तूबर । विश्वविख्यात तबला एवं सितार वादक पंडित नयन घोष अपने हिमाचल प्रवास के दौरान पहली बार आगामी 31 अक्तूबर से 02 नवंबर तक शिमला के समीप संगीत साधना स्थली गुरूकुल धरेच में दो दिवसीय कार्यशाला करने जा रहे हैं । इसी बीच पंडित नयन घोष एक दिन आईजीएमसी के सभागार में संगीत प्रमियों के लिए एक कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेगें जोकि हिमाचल में शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।
गुरूकुल धरेच के संस्थापक, प्रसिद्ध तबला वादक विक्रम गंधर्व ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरूकुल में संगीत के प्रकांड विद्वान पंडित नयन घोष द्वारा तबला पर कार्यशाला करना संगीत से जुड़े साधकों के लिए एक बड़ा सुअवसर है जिन्होने अपना सर्वस्व जीवन संगीत के लिए समर्पित किया है। उन्होने कहा कि यह आयोजन हिमाचल की संगीत भूमि पर एक नई परंपरा की शुरुआत होगी । पहली बार प्रदेश में इतने प्रतिष्ठित तबला वादक द्वारा प्रत्यक्ष कार्यशाला का आयोजन किया जाना युवा संगीतकारों को प्रेरणा और दिशा दोनों प्रदान करेगा।
उन्होने कहा कि यह दो दिवसीय तबला कार्यशाला संगीत साधकों के लिए लय और साधना का अद्भुत संगम होगा। गुरुकुल धरेच में आयोजित होने वाली यह कार्यशाला उन संगीत साधकों के लिए एक स्वर्ण अवसर है, जो तबले की गहराइयों को पंडित नयन घोष जैसे वर्चस्वी कलाकार से प्रत्यक्ष रूप में सीखना चाहते हैं।
विक्रम गंधर्व ने कहा कि पंडित. नयन घोष, जो फर्रुखाबाद घराने के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि हैं जोकि भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत के वर्तमान में एकमात्र कलाकार है जो तबला और सितार कृ दोनों वाद्यों में निपुणता रखते हैं। उन्होने बताया कि इस आवासीय कार्यशाला की पांच हजार फीस रखी गई है, जिसमें भोजन एवं आवास की सुविधा सम्मिलित है।









