शिमला
पाकिस्तान से होने वाले संभावित साइबर हमलों से बचाव के लिए हिमाचल प्रदेश साइबर क्राइम पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। राज्य सीआईडी, साइबर अपराध की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि हाल ही में पड़ोसी देश पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ साइबर हमले के प्रयासों में वृद्धि हुई है। इन हमलों का उद्देश्य भारतीय नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग विवरण चुराना और डिजिटल संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना है। ऐसे में लोगों को सुरक्षित रहने के लिए सात तरह के साइबर सुरक्षा उपायों का पालन करने की सलाह दी गई है। आज की दुनिया में साइबर युद्ध एक नया मोर्चा है और जन जागरुकता ही सबसे मजबूत रक्षा पंक्ति है। डिजिटल सतर्कता ही साइबर सुरक्षा की कुंजी है।
- किसी भी अनजान लिंक, ईमेल या व्हाट्सएप मैसेज पर क्लिक न करें।
- .exe, .apk या .zip फॉर्मेट में संदिग्ध फाइलें खोलने से बचें, खास तौर पर ‘डांस ऑफ हिलेरी’ नाम की फाइलें।
- सोशल मीडिया पर किसी भी संदिग्ध, भ्रामक या भड़काऊ लिंक पर क्लिक या शेयर न करें।
- सुनिश्चित करें कि आपके मोबाइल और कंप्यूटर पर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर हमेशा अपडेट रहे।
- सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करते समय संवेदनशील डेटा साझा करने से बचें।
- अपने बैंकिंग ऐप और पासवर्ड सुरक्षित रखें। किसी के साथ ओटीपी या पासवर्ड साझा न करें।
- किसी भी संदिग्ध साइबर गतिविधि की तुरंत अपने स्थानीय पुलिस या राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल(https://www.cybercrime.gov.in)पर रिपोर्ट करें।
पूर्व उद्योग मंत्री व जसवां परगपुर के विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि किसी अज्ञात व्यक्ति की ओर से उनके व्हाट्सएप नंबर का क्लोन बनाकर आमजन को भ्रामक और आपत्तिजनक संदेश भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर साइबर अपराध है। इससे लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। बिक्रम ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के किसी भी संदेश या फोन कॉल से उनका कोई लेना-देना नहीं है। न ही वे इस नंबर का प्रयोग कर रहे हैं। उनकी तस्वीर और नाम का दुरुपयोग कर किसी व्यक्ति विशेष की ओर से जनता को भ्रमित और परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस विषय में स्थानीय पुलिस थाने में विधिवत शिकायत दर्ज करवा दी है और संबंधित एजेंसियों को इस पर कार्रवाई के लिए सूचित किया है।