कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने सरकार से दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब सहित अन्य राज्यों में फंसें हिमाचल के युवाओं व अन्य लोगों को भी जल्द से जल्द प्रदेश में लाने की मांग की है। यहां जारी बयान में सुधीर शर्मा ने कहा कि दिल्ली व चंडीगढ़ में लॉक डाउन के शुरू से हिमाचल के कई लोग फंसें हुए हैं।
इनमें अधिकतर वहां पढ़ाई व रोजगार के लिए गए युवा शामिल हैं और इन्हें इस समय कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि सरकार ने इन लोगों को प्राथमिकता के बजाए कोटा से युवाओं को लाने की पहल कर दी। सुधीर शर्मा ने कहा कि कोटा से युवाओं को लाने का विरोध नहीं है, मगर इस घड़ी में चंडीगढ़, दिल्ली व पंजाब के कई शहरों में फंसें युवाओं व लोगों को भी लाने की पहल सरकार को तुरंत करनी चाहिए थी। क्योंकि इनमें सबसे अधिक गरीब तबके के लोग भी हैं। सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार को इस घड़ी में अपने संवाद को बढ़ाने की जरूरत है। लोगों को सरकार की जानकारियां ही पता नहीं चल रही हैं और गलत अफवाहों के कारण लोग ओर परेशान हो रहे हैं।
जबकि अन्य राज्यों में सरकारें लगातार अपडेट लोगों तक पहुंचा रही हैं। उन्होंने हैरानी जताई कि हिमाचल के शिक्षा मंत्री पहले निजी स्कूलों को बच्चों से फीस न लेने की बात करते हैं और कुछ घंटे के बाद अपनी बात से हटकर बयान देते हैं कि निजी स्कूल इस पर खुद निर्णय लें। इसको लेकर सरकार निजी स्कूलों पर कोई दबाव नहीं बना सकती हैं। सरकार के मंत्री की तरफ से अलग अलग ऐसे बयान लोगों के लिए परेशानी बन रहे हैं। इससे साफ लगता है कि सरकार का किसी पर कोई नियंत्रण नहीं है। सुधीर शर्मा ने कहा कि कई निजी स्कूलों ने बच्चों की एक से तीन माह की फीस खुद माफ कर दी हैं। जबकि कई स्कूल अब भी बच्चों से फीस मंगवा रहे हैं और ऑनलाइन शिक्षा देने के नाम पर भी फीस मांगी जा रही है। जबकि सरकार इस पर चुप है। इस घड़ी में सरकार ने हिमाचल के लोगों को कोई राहत नहीं दी है। उन्होंने मांग की कि सरकार निजी स्कूलों से फीस को लेकर स्पष्ट करें न कि लोगों को शिक्षा मंत्री अपने बयानों से उलझाएं।
सरकारी निजी शिक्षण संस्थानों से बात करें और स्पष्ट करें कि इस अवधि की फीस माफ की जाए और जो सरकार के आदेशों को ना माने उन पर कार्रवाई की जाए। साथ ही चंडीगढ़, दिल्ली व पंजाब सहित अन्य राज्यों में फंसें लोगों को भी जल्द घर लाएं। इन सभी लोगों का टेस्ट भी किया जाए। ताकि हिमाचल में आने वाले समय में कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई खतरा ना रहे।