राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि लोगों की अभी भी यह शिकायत जारी है कि लॉकडाउन का प्रदेश में पहला चरण पूरा होने को है लेकिन प्रदेश के अभिभावकों से लगातार मिल रही फीडबैक से यह पता चला है कि अभी भी कुछ अभिभावकों की बेटियां दूसरे राज्यों में फंसी हुई हैं।
यह अभिभावक सरकार से मदद के लिए बार-बार गुहार लगा चुके हैं। राणा ने कहा कि अभिभावकों की चिंताओं को देखते हुए सरकार इन हिमाचली बेटियों को घरों तक पहुंचाने का कोई तरीका ढूंढे। राणा बोले कि लोग बता रहे हैं कि सरकार के प्रबंधों को देखकर लग रहा है कि प्रदेश में लॉकडाउन और बढ़ेगा। अगर ऐसा होता है तो इन अभिभावकों की चिंता और तनाव और बढ़ेगा। राणा ने कहा कि एनसीआर, दिल्ली, चंडीगढ़, लुधियाना, अमृतसर में फंसे कुछ लोगों ने बताया है कि लॉकडाउन के कारण उनकी नौकरियां छूट गई हैं व किराए के एक कमरे में कैद हैं। खर्चा खत्म होने के कारण खाने-पीने की मुश्किल है। घर में परिजन परेशान हैं। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह हमें घर तक लाने का कोई तरीका ढूंढे। बेशक हमें घरों में क्वारिंटाइन रखे। कम से कम हमें पका पकाया खाना मिल जाएगा। राणा ने कहा कि कुछ लोगों ने यह भी बताया कि सरकार ने फंसे हुए लोगों के लिए हेल्पलाइन नं. जारी किए हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
राणा ने राज्य से बाहर फंसे हुए लोगों की पैरवी करते हुए कहा कि अगर लोगों की बात सही है तो सरकार सपष्ट करे कि हेल्पलाइन नंबरों पर आई गुहार पर कितने लोगों को घर पहुंचाया गया है। राणा ने अपील की है कि राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में संयम व हिम्मत रखने की जरुरत है। सरकार सीमित साधनों में इस महामारी से जूझ रही है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन में कोविड-19 के अनुशासन सामाजिक दूरी का जनता पालन करे, क्योंकि दूरी ही इस मर्ज की दवा है।