शिमला 17 अगस्त । हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना जिसमे कॉलेज प्राध्यापको को जो दो साल का अध्ययन अवकाश मिलता है, उसमे मासिक वेतन में चालीस प्रतिशत वेतन देने के निर्णय को राजकीय महाविद्यालय चायल कोटी एचजीसीटीए इकाई ने कड़ा विरोध किया है। इकाई अध्यक्ष अजय कायथ ने बताया कि कॉलेज टीचर्स के अकादमिक कैरियर के रास्ते में इस तरह की अधिसूचनाएं बड़ी चुनौतियां खड़ी करती है। एक तरफ नए यूजीसी अधिनियमों में कैरियर एडवांसमेंट के लिए पीएचडी करना अनिवार्य कर दिया है और दूसरी तरफ प्रदेश सरकार हतोत्साहित कर रही है। ये दोनो चीजे अपने आप में विरोधाभासी है। डॉ अजय ने बताया की सरकार को अध्यापकों और अकादमिक एवं अनुसंधान के हित के लिए जल्द से जल्द उक्त अधिसूचना को वापिस लेना चाहिए। इकाई के सचिव डॉ अमृत सिंह मेहता, प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा एवं इकाई कोषाध्यक्ष प्रो आई पी नेगी ने भी अधिसूचना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सरकार से अधिसूचना वापिस लेने की गुजारिश की है।