शिमला
हिमाचल प्रदेश में विमल नेगी की मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है। विमल नेगी की मौत आत्महत्या है या मर्डर इसका तो जाँच में ही खुलासा होंगा। पर यह कैसी परिवर्तन सरकार जिसमें खुद के कर्मचारी ही जो आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। क्या सुख की सरकार में कर्मचारियों पर अधिक दवाब है या एक ही कर्मचारी पर अतिरिक्त बोज है।
विमल नेगी जी की मौत पर जहाँ विपक्ष एक तरफ सीबीआई जाँच उठा रहा है वही सरकार के कर्मचारी सड़को पर प्रदर्शन कर रहे है। आखिर कार कर्मचारियों पर क्यों है इतना मेन्टल टार्चर है। चाहे वन, बिजली, स्वास्थ्य कोई भी विभाग हो सब कर्मचारियों पर क्यों है इतना प्रेशर।
हैरानी की बात यह है की 10मार्च से विमल नेगी जी गायब पर जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने जब 18मार्च को निर्देश दिए तो उसकी बॉडी गोविन्द सागर झील से मिली। यह एक जाँच का विषय है। उसे पहले क्यों नहीं ढूंढ़ने का प्रयास हुआ। यही नहीं विमल नेगी जी के परिवार ने भी बिजली विभाग के अफसरों पर विमल नेगी को परेशान करने के आरोप लगाए।
क्रेजी न्यूज़ इंडिया की टीम प्रार्थना करती है की हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर श्री विमल नेगी जी के निधन पर उनके परिवार को असह्य पीड़ा सहन करने का संबल प्रदान करें। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और अपने श्री चरणों में स्थान दें।
हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों पर क्या काम का अतिरिक्त बोझ है, इसको लेकर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों ने कहा की विमल जी एक नेक दिल इंसान थे। हम कर्मचारियों पर काम का बहुत बोझ है। ”