21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा. इस बार सूर्य ग्रहण अपने देश में भी देखा जाएगा. सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने का प्रयास आप बिल्कुल ही ना करें,. क्योंकि इस ग्रहण का बुरा प्रभाव सबसे अधिक आंख पर ही पड़ेगा. यह ग्रहण इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. सूर्य ग्रहण 3 घंटे 25 मिनट तक का होगा. 21 जून, रविवार को सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा, जबकि दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर सूर्य ग्रहण का मध्यकाल होगा. दोपहर बाद 2 बजकर दो मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा. इसके बाद साल 2020 के अंत में एक और सूर्य ग्रहण लगेगा. इस बार सूर्य ग्रहण अपने देश भारत में भी देखा जा सकेगा.
भूलकर भी न करें ये गलती
अगर आप ग्रहण को देखना चाहते है तो आप इसे नग्न आंखों से बिल्कुल ही न देखें. सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, क्योंकि सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव आंखों पर पड़ता है. इसे नग्न आंखों से देखने से बचना चाहिए. नग्न आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से सूर्य ग्रहण को देखना सुरक्षित है.
जानिए ग्रहण लगने का समय
– पूर्ण ग्रहण शुरू होगा 21 जून सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर
– ग्रहण का मध्य दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा
– पूर्ण ग्रहण की समाप्ति दोपहर 2 बजकर 2 मिनट पर होगी
– आंशिक ग्रहण की समाप्ति दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर होगी
– इस ग्रहण की अवधि 3 घंटे 25 मिनट की होगी. इसके बाद साल के अंत में एक और सूर्य ग्रहण होगा.
जानें क्या हैं मान्यताएं
ग्रहण को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने-पीने की मनाही हैं. ग्रहण के दौरान अपने घरों में ही रहना चाहिए. इसके अलावा, दरभा घास या तुलसी के पत्तों को खाने और पानी में डाल दिया जाता है, ताकि ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा जा सकें. कई लोग ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करने में विश्वास करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं. इसी तरह सूर्य देव की उपासना वाले मंत्रों का उच्चारण भी ग्रहण के दौरान किया जाता है.
गभवर्ती महिलाएं इन बातों पर दें ध्यान
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त एहतियात बरतनी होती है. बालक, बुजुर्ग और मरीजों को छोड़कर दूसरे लोगों को भोजन का त्याग करना चाहिए. खासकर, गर्भवती महिलाओं को घर में रहने और संतान गोपाल मंत्र का जाप करने के लिए कहा जाता है. ग्रहण के दौरान लोगों को पानी पीने से भी बचना चाहिए. ग्रहण खत्म होने तक भोजन नहीं पकाया जाता है. इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है, क्योंकि ग्रहण को अशुभ माना जाता है. दो चंद्र ग्रहण के बाद जब पूर्ण ग्रहण होता है तो चंद्रमा सूर्य को कुछ देर के लिए पूरी तरह ढक लेता है. हालांकि, आंशिक और कुंडलाकार ग्रहण में सूर्य का केवल कुछ हिस्सा ही ढकता है. 21 जून को पड़ने जा रहा सूर्य ग्रहण कुंडलाकार है. कुंडलाकार ग्रहण ‘रिंग ऑफ फायर’ बनाता है, लेकिन यह पूर्ण ग्रहण से अलग होता है.