हिमाचल मे आज केबिनेट है। आज अगर कैबिनेट से मंजूरी मिलती है तो उसके बाद बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। कोरोना से बचाव को विशेष एहतियात बरतने की योजना बनाई गई है।
हालांकि, बसें शुरू होने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना चुनौती हो सकता है। 50 फीसदी सवारियों के साथ बसों का संचालन के लिए एचआरटीसी ने तीन के बेंच पर 2 सवारियां और दो के बेंच पर एक ही सवारी को बैठाने की योजना बनाई है। तीन के बेंच में बीच वाली सीट और दो के बेंच पर किनारे वाली सीट पर क्रॉस के निशान वाले पोस्टर लगाए जाएंगे। बसों में सीट नंबर एक, दो और तीन पर यात्रियों के बैठने पर रोक रहेगी। ड्राइवर के केबिन की तर्ज पर सीट नंबर 1, 2, 3 को कवर करने की योजना है।
रूट पर जाने से पहले बसें वर्कशॉप में सैनिटाइज की जाएंगी। इसके बाद बस स्टैंड में पहुंचेगी। रूट से वापस लौटने पर 8 घंटे बाद फिर बसों को सैनिटाइज किया जाएगा। सैनिटाइजेशन के लिए एचआरटीसी ने डिपो स्तर पर बैटरी से चलने वाली सैनिटाइजेशन मशीनें खरीदकर उपलब्ध करवा दी हैं।
हर डिपो को दो-दो मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। बसों का संचालन शुरू करने से पहले अड्डों को भी सैनिटाइज किया जाएगा। इसके लिए एचआरटीसी ने लिखित में सरकार को बसों के संचालन की घोषणा के बाद 3 दिन का समय देने का आग्रह किया है। एचआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की ओर गाइडलाइंस जारी होने का इंतजार है। अपने स्तर पर सभी तैयारियां कर ली हैं।
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यह रहेगा बसों का सिटिंग प्लान
30 सीटर बस में बैठेंगी 15 सवारियां
37 सीटर बस में बैठेंगी 18 सवारियां
47 सीटर बस में बैठेंगी 23 सवारियां
सवारियों के हाथ सैनिटाइज करवाएगा कंडक्टर
बसों का संचालन शुरू होने के बाद कंडक्टर को सवारियों के हाथ सैनिटाइज करवाने का जिम्मा सौंपा जाएगा। बस में सवार होने से पहले कंडक्टर सभी सवारियों के हाथ सैनिटाइज करवाएगा।
बस के चढ़ने पर कंडक्टर सवारियों को टिकट को सवारियों के हाथ सैनिटाइज करवाने का जिम्मा सौंपा जाएगा। बस में सवार होने से पहले कंडक्टर सभी सवारियों के हाथ सैनिटाइज करवाएगा। बस के चढ़ने पर कंडक्टर सवारियों को टिकट जारी करेगा, उस समय दोबारा यात्रियों के हाथ सैनिटाइज करवाए जाएंगे।लोगों की भीड़ के आगे सोशल डिस्टेंसिंग लागू करना चुनौती
लॉकडाउन को 2 महीने का समय पूरा होने वाला है। इतने ही समय से बसों का संचालन पूरी तरह से बंद है। परिवहन सेवाएं शुरू होने के बाद भारी संख्या में लोगों के आवाजाही के लिए निकलने की संभावना है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग लागू करने के लिए 50 फीसदी यात्रियों के साथ बसों का संचालन एचआरटीसी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।