एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय और सरस्वती डेंटल कॉलेज के सौजन्य से एक दिवसीय साइबर अपराध से जुड़े मामलों पर वेबिनार आयोजित किया गया। वेबिनार का मुख्य विषय साइबर अपराध, निवारण और उपाए रहा। वेबिनार में एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकों ने भाग लिया।
एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ॰ रजत माथुर ने वेबिनार में बतौर अभिप्रेरक शिरकत की जबकि एपी गोयल शिमला यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो॰ डॉ॰ रमेश कुमार चौधरी ने वेबिनार का संचालन कर कार्यक्र्म की मेजबानी कर मुख्य वक्ता व अन्य वक्ताओं का अभिवादन किया। वेबिनार में आर्मड पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज इंदौर, मध्यप्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ॰ वरुण कपूर मुख्य वक्ता रहे। डॉ॰ वरुण कपूर ने कहा कि आज के परिपेक्ष्य में साइबर अपराध से बचाव हम सभी के लिए आवश्यक है। उन्होंने बच्चों को मोबाइल फोन, सोशल मीडिया व्हट्सएप, फेसबुक आदि से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि नई तकनीक द्वारा हैकर आसानी से बच्चों को अपना शिकार बना लेते हैं, उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। यही नहीं अंगों का व्यापार करते हैं और उनका शोषण करते हैं। डॉ॰ वरुण ने कहा कि हैकर लोगों के बैंक खाते से धोखाधड़ी कर पैसों का आहरण कर लेते हैं। ऐसे किसी भी अपराध से बचने के लिए सतर्क रहें और पुलिस को तुरंत सूचना दें। उन्होंने साइबर अपराध से जुड़े टूल्स के बारे में डेमो व प्रदर्शन कर दिखाया कि किस तरह अपराधी व हैकर इन साइबर टूल्स का प्रयोग कर डेटा चुराते हैं और अपने जाल में फंसाकर पढ़े लिखे व अनपढ़ लोगों के बैंक खातों में सेंधमारी कर पैसे व अन्य महत्वपूर्ण डेटा को चुरा लेते हैं।डीजीपी वरुण कपूर ने यह भी सुझाया कि हैकरों से कैसे बचा जाए और किस तरह से इन्टरनेट व कंप्यूटरकृत वेबसाइटों सहित ईमेल आदि का प्रयोग करना चाहिए ताकि लोग बढ़ते साइबर अपराधों पर नुकेल कसने में सक्ष्म हो सकें।
इस अवसर पर कुलाधिपति डॉ॰ रजत माथुर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा सकता है और दिशा में पुलिस सहित लोगों को भी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। कुलपति प्रो॰ डॉ॰ रमेश कुमार चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि हम सभी को आज साइबर अपराध से बचाव उसी प्रकार करना चाहिए जैसे बीमारियों से अपना बचाव करते हैं।
उन्होने ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए अनुसंधान सहित लोगों को भी हाइटेक होना पड़ेगा और यह तब हो सकता है जब सभी लोग कम्प्युटर-साक्षर व जागरूक होंगें। वेबिनार में एपी गोयल शिमला विश्विद्यालय के विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्षों ने भी भाग लिया।