शिमला 06 जनवरी
करोड़ों रूपये के पानी घोटाले का पर्दाफाश करने और सरकार द्वारा जल शक्ति विभाग के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध त्वरित किए जाने का चहूंओर स्वागत हुआ है । जुन्गा क्षेत्र के अनेक बुद्धिजीवी व्यक्ति राकेश ठाकुर, प्रीतम सिंह ठाकुर, दयाराम वर्मा, दीपक शर्मा, नरेन्द्र ठाकुर सहित अनेक लोगों ने सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा द्वारा आरटीआई के माध्यम से इस घोटाले का पर्दाफाश करने का स्वागत किया है । इनका कहना है कि जिस प्रकार हर विभाग में भ्रष्टाचार दिन प्रतिदिन पनप रहा है इससे सरकार द्वारा स्वीकृत विकास कार्य व योजनाओं पर गुणवतापूर्वक कार्य नहीं हो पा रहे है जिससे प्रत्येक योजनाएं समय से पहले ही हांप रही है ।
इनका कहना है कि पंचायतांें में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार का अंबार है। यदि पंचायतों से आरटीआई ली जाए तो भ्रष्टाचार के अनेक घोटले उजागर होगें । पंचायत के अधीन किए जाने वाले लाखों रूपये के विकास कार्यों को बिना किसी कोटेशन के अपने चहेतों को आंबटित किए जाते हैं । इसलिए पंचायतों का भी एजी ऑडिट होना चाहिए ताकि पंचायतों पर भी अंकुश लग सके । पंचायतों में बीपीएल में समृद्ध व्यक्तियों का बोलबाला है जबकि वास्तविक रूप से गरीब व्यक्ति बीपीएल के मापदंड से बाहर है । अधिकांश साधन संपन संयुक्त परिवारों ने बीपीएल में आने के लिए अलग अलग राशनकार्ड बनाए गए है । जिसके आधार पर वह बीपीएल को मिलने वाले सभी लाभों का इस वर्ग द्वारा फायदा उठाया जा रहा है । केद्र व राज्य सरकार की ओर से, मुफ्त में मिलने वाली रसोई गैस और सिलेंडर और सस्ता राशन साधन संपन लोग डकार रहे हैं। पंचायतों की मनमानी के चलते चलते मनरेगा की योजनाएं भी सबसे ज्यादा इसी वर्ग को मिल रही है । आपदा राहत से मिली धनराशि की भी पंचायतों में बंदरबांट हुई है । प्रभावित परिवारों के अतिरिक्त ऐसे लोगों को राहत केे रूप में स्कीमें दी गई जिनका कोई नुकसान हुआ ही नहीं था । अर्थात पंचायतों में भ्रष्टाचार का अंबार लगा हुआ है । सोशल ऑडिट के नाम पर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मात्र औपचारिकताएं निभाई जा रही है । लोगों की मांग है कि पंचायतों में विकास कार्याे के लिए एक लाख से उपर की स्कीमों के कार्यान्वयन के लिए कोटेशन अथवा निविदाएं आंमत्रित की जानी चाहिए । इसके अतिरिक्त जिन साधन संपन लोगों को मुफ्त का राशन दिया जा रहा है उन्हें तुंरत प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए.