शिमला 28 अगस्त । ट्रांस्फार्मर में छुटपुट खराबी आने से मशोबरा ब्लॉक की अंतिम छोर की पंचायत पीरन में 22 घंटे बिजली गुल रही । जिसका मुख्य कारण विद्युत उप मंडल जुन्गा में स्टाफ की कमी होना बताया जा रहा है। स्टाफ की कमी के चलते कोटी से फील्ड कर्मचारी बिजली बंद होने के 21 घंटे उपरांत मौके पर पहूंचे और उनके द्वारा एक घंटे के भीतर बिजली सप्लाई बहाल कर दी गई ।
पीरन पंचायत के पूर्व प्रधान अतर सिंह ठाकुर, दौलत राम मेहता, दयाराम वर्मा, चुन्नी लाल ठाकुर, प्रीतम ठाकुर, सुरेश शर्मा, चंचल वर्मा, जबर सिंह ठाकुर सहित अनेक लोगों ने बताया कि बिजली के अघोषित कटों से पीरन पंचायत की जनता बहुत परेशान है । इनका कहना है कि 27 अगस्त को हल्की बारिश की फुहारों से दिन में तीन बजे बिजली गुल हो गई थी जोकि 28 अगस्त को दोपहर बाद एक बजे बहाल हुई । बिजली गुल होने से लोगों को अपने मोबाईल व अन्य बिजली उपकरणों को रिर्चाज करना कठिन हो गया था । लोगों की मांग है कि पीरन में टी मेट अथवा लाईनमेन का पद सृजित किया जाए ताकि छुटपुट खराबी आने पर समय पर इसका समाधान हो सके ।
अतर सिंह ठाकुर और प्रीतम ठाकुर का कहना है कि बड़ी जदोजहद के उपरांत पीरन पंचायत को सिरमौर के सब स्टेशन शीलाबाग से जोड़ा गया था ताकि इस पंचायत में लोगों को अबाधित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके परंतु इसका नियंत्रण जुन्गा कार्यालय के पास होने से शीलाबाग लाईन का रखरखाव सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। एक फ्यूज लगाने के लिए कर्मचारी को कोटी से आना पड़ता है ।
बता दें कि जुन्गा विद्युत उप मंडल में सहायक अभियंता का एक पद और जेई के तीन पद सहित कुल 17 पद रिक्त चल रहे हैं । फील्ड में स्थापित 136 ट्रांस्फार्मर का जिम्मा केवल फील्ड के 12 कर्मचारियों के कंधे पर है इसी कारण एक फ्यूज के लगाने में कई बार दो दिन भी लग जाते हैं । हालांकि फील्ड स्टाफ प्रतिकूल परिस्थितियों में कार्य कर रहा है ।
जुन्गा कार्यालय में प्रमुख पद रिक्त होने के कारण कोई भी अधिकारी उपलब्ध नहींे मिला । फील्ड तकनीकी स्टाफ से जब इस बारे बात की गई तो उन्होने बताया कि यदि विद्युत बोर्ड ने तकनीकी स्टाफ के पदों को को समय रहते नहीं भरा गया तो जुन्गा उप मंडल में विद्युत आपूर्ति सामान्य बनाना मुश्किल हो जाएगा ।