शिमला 21 जनवरी
आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी रियासतकालीन शहर जुन्गा आजतक नगर पंचायत का दर्जा नहीं प्राप्त हो सका है जिस बारे इस शहर के लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है। पूर्व भाजपा सरकार के कार्याकाल में नवंबर 2020 में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर और पूर्व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज जुन्गा के प्रवास के दौरान शहर को नगर पंचायत का दर्जा देने का आश्वासन दिया गया था जोकि आजतक पूरा नहीं हो सका है । हालांकिं शहर की आबादी करीब साढ़े तीन हजार के करीब है जिसमें तहसील, पुलिस बटालियन, और राज्य स्तरीय फोरेंसिंक लैब सहित अन्य कार्यालय शामिल है । इसके बाजजूद भी जुन्गा कस्बा को नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिल पाया है जिस कारण इस कस्बा का सुनियोजित ढंग से विकास नहीं हो पा रहा है ।
स्थानीय लोगों का मानना है कि जुन्गा में जो भी विकास अब तक हुआ है वह केवल पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की देन है । इनका कहना है कि जब क्योंथल रियासत का मुख्यालय जुन्गा हुआ करता था उस दौरान इस शहर में रौनक लगी रहा करती थी परंतु वर्तमान में जुन्गा शहर की गलियां पूरे वर्ष सूनी नजर आती है । हाल ही में प्रदेश सरकार ने दस नगर पंचायत और नगर निगम की अधिसूचना जारी की परंतु इस सूची से जुन्गा का नाम गौण ही रहा चूंकि इस कस्बा को शहरी निकाय देने की मांग आजतक किसी भी जन प्रतिनिधि ने नहीं की है । स्थानीय पंचायत शहर की बेहतरीन ढंग से सफाई करवाने में लाचार दिखाई दे रही है । शहर में भवनों का निर्माण मनमर्जी ेसे किया जा रहा है इस शहर में किसी प्रकार नगर नियोजन एक्ट नहीं लगता है ।
जुन्गा निवासी दुर्गा सिंह ठाकुर का कहना है कि पुराना जुन्गा के लिए बाईपास रोड न होने से भारी वाहनों को जुन्गा की तंग गलियों से गुजरना पड़ता है । जिस कारण शहर की गलियों में अक्सर जाम लगा रहता है शहर में बस अडडा न होने के कारण बसों को सड़क पर ही खड़ा करना पड़ता है । शहर में कहीं भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है जिससे बाहर से आने वाले वाहन धारकों को काफी समस्या पेश आती है ।
इसी प्रकार सिविल अस्पताल जुन्गा में विभिन्न श्रेणियों के काफी पद रिक्त पड़े हैं । विशेषकर स्त्री रोग, हडडी रोग और बाल रोग विशेषज्ञ न होने के कारण लोगों को शिमला जाना पड़ता है ।
तहसीलदार जुन्गा नरायण सिंह वर्मा ने बताया कि जुन्गा शहर को नगर पंचायत का दर्जा देने के लिए लोगों की ओर से अभी कोई प्रस्ताव नहीं आया है ।