देश में हर दिन कोरोनावायरस के पॉजिटिव केस बढ़ते जा रहे हैं। हर देश इसे रोकने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। जियादतर देश लॉकडाउन के जरिये कोरोनावायरस के फैलने की अप पर ओवर पाने में सफल हुए हैं। भारत में भी कोरोना का कहर जारी है। अब तक देश में चेतों की संख्या 20 हजार के पार पहुंच गई है। इनमें से 652 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, 4,000 से जियालदा लोग इलाज के बाद ठीक भी हो चुके हैं। अब एक अध्ययन में सामने आया है कि भारत में कोरोना के मामले में मध्य मई गुजरते-गुजरते अपने चरम पर होंगे। इसके बाद के परिमाणों की संख्या कम होने लगी है। सबसे पहले लॉकडाउन करने वाले रजनीशों में टाइपों की संख्या के साथ ही दूसरी मुश्किलें भी घटने लगेंगी।
कोरोनावायरस के फैलाव पर वैश्विक परामर्श फर्म प्रोटेस्ट एंड टाइम्स नेटवर्क के साझा अध्ययन की टाइम्स फैक्ट इंडिया रिपोर्ट तैयार करने के लिए तीन अलग-अलग तरीकों का चयन किया गया है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रतिशत आधारित (परसेंटेज मॉडल), समय आधारित (टाइम सीरीज मॉडल) और विवेकगढ व ठीक होने वाले मरीजों की संख्या आधारित (SERI) मॉडल का परीक्षण किया गया है। एसईआईआर मॉडल से पता चलता है कि यह महामारी अगस्त 2020 तक देश में बनी रह सकती है।
कुछ राज्य मई के अंत या जून की शुरुआत तक इस संकट से उबर सकते हैं। वहीं, संस्थाओंों की ज्यादा संख्या वाले राज्यों को वैश्विक महामारी से उबरने में एक महीने ज्यादा समय लग सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 22 मई तक संभावितों की संखया 75 हजार से ज्यादा हो जाएगी।