शिमला 09 जुलाई । डिग्री काॅलेज चायल कोटी के नए भवन को सरकार शीघ्र काॅलेज प्रशासन को हैंडओवर करे ताकि चालू सत्र में कक्षाएं नए भवन में चल सके । यह बात हिमाचल प्रदेश किसान सभा के राज्याध्यक्ष डाॅ0 कुलदीप तंवर ने मंगलवार को कसुपंटी निर्वाचन क्षेत्र की चार पंचायतं चीखर सतलाई, पीरन, कोटी और दरभोग के प्रवास के उपरांत मिडिया में जारी बयान के दौरान कही । उन्होने बताया कि डिग्री काॅलेज को लेकर समूची जुन्गा तहसील में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया है ताकि सरकार इस काॅलेज को शीघ्र ही काॅलेज प्रशासन को सौंप दे ।
डाॅ0 तंवर ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद वर्ष 2014 में चायल कोटी में काॅलेज पुराने प्रायमरी स्कूल में खुला था । जिसमें जुन्गा क्षेत्र की 12 पंचायतों के बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के अवसर मिले हैं परंतु सीमित बस साधन होने से वर्तमान में असंख्य बच्चे 12वीं करने के उपरांत घर पर पशुओं को चुगा रहें हैं । इस काॅलेज में अब तक आटर्स और काॅमर्स के दस बैच पास आउट हो चुके हैं । जबकि इस काॅलेज भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2015 में आरंभ हुआ था जिसे बनाने में नौ साल लग गए और अभी भी कुछ कार्य शेष बचा है ।
डाॅ0 तंवर ने कहा कि नए भवन में विज्ञान की कक्षाएं आरंभ की जाए ताकि बच्चों को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हो सके । उन्होने बताया कि वर्ष 2010 में किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र. में उच्चतर शिक्षा प्राप्त युवाओं की औसतन संख्या केवल 04 प्रतिशत थी जबकि प्रदेश की 20 प्रतिशत और हमीरपुर की सबसे ज्यादा औसतन 40 प्रतिशत थी । उन्होने बताया कि जुन्गा क्षेत्र की 12 पंचायतों में 9 सीनीयर सकैंडरी स्कूल कार्यरत है जिनमें से केवल दो स्कूल जुन्गा और कोटी में सांईंस विषय पढ़ाए जाते हैं । अन्य स्कूलों में विज्ञान विषय न होने से ग्रामीण परिवेश के बच्चों का भविष्य धूमिल हो रहा है ।
डाॅ0 तंवर ने सरकार से मांग की है कि चायल कोटी काॅलेज में जियोग्राफी और वोकल म्यूजिक विषय को भी आरंभ किया जाए चूंकि कोटी सीनीयर सकैंडरी स्कूल में अधिकांश बच्चे जियोग्राफी विषय की शिक्षा ग्रहण कर रहे है । इसके अतिरिक्त काॅलेज की लाईबे्ररी में क्षेत्र के युवाओं को सुविधा प्रदान की जाए ताकि विभिन्न प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले गांव के युवाओं को घरद्वार पर लाईब्रेरी की सुविधा प्राप्त हो सके । डाॅ0 तंवर को कहना है कि कोटी जाने के लिए केवल दो बसे हैं जिस प्रकार शिमला व अन्य क्षेत्र में एचआरटीसी द्वारा सवारियां ढोने के लिए हल्के वाहन चलाए जा रहे हैं इसी तर्ज पर इसी क्षेत्र में बच्चों की सुविधा के अनुरूप हल्के वाहन चलाए जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्र युवाओं विशेषकर बेटियों को काॅलेज आने जाने की सुविधा उपलब्ध हो सके ।