शिमला 29 अक्तूबर । शिमला फ्लाइंग फेस्टिवल और हॉस्पिटैलिटी एक्सपो 2025 में जहां देश विदेश से आए पैराग्लाईडरज ने आसमान की छूने की दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया वहीं पर विभिन्न राज्यों से आए निवेशकों और स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पाद की औसतन बिक्री न होने पर उनके चेहरे पर मायूसी छाई रही । मंदी के इस दौर में कई निवेशकों एवं समूहों का सामान नहीं बिक पाया । काफी स्टॉल खाली पड़े हुए थे । इस उत्सव में बाहर से आए लोगों की भी ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिली जबकि स्थानीय लोग इन दिनों घास की कटाई में व्यस्त है । जिस कारण स्थानीय क्षेत्र के लोगों का इस उत्सव के प्रति ज्यादा रूझान देखने को नहीं मिला ।
नागपुर से आर्शिवाद ग्राम उद्योग की संचालिका ने बताया कि उनके द्वारा मसाला पापड़ इत्यादि का स्टॉल लगाया गया था परंतु भीड़ न होने के कारण चार दिन में केवल एक हजार का कारोबार रहा । इसी प्रकार चिराग स्वयं सहायता ने बड़ी उम्मीद से पाईन नीडल से निर्मित विभिन्न वस्तुओं का स्टॉल लगाया था परंतु चार दिन में कोई बिक्री नहीं हुई । नागपुर से आई मालती ने महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूगफली और चौलाई के उत्पाद विक्रय करने को लाए थे परंतु बहुत कम बिक्री होने से निराश थी । गौरी मां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने पहाड़ी व्यंजन सिडडू का स्टॉल रहा जिससे उनकी अच्छी आय हुई । बसंतपुर की नीन पंचायत से आई महिलाएं भी कम कारोबार से निराश थी ।
इसी प्रकार यूपी बरेली से आई शालू सक्सेना ने स्वयं निर्मित रेडीमेड कपड़ोे तथा नागपुर के विश्व कुमार ने बेग का स्टॉल लगाया था । इनका कहना कि कुछ बिक्री हुई है । तारा स्वयं सहायता समूह ने अपने द्वारा तैयार की गई वूल की स्वेटर तथा हिम ईरा समूह ने आचार, चटनी, शहद, मोटे आनाज का स्टॉल और प्रगति स्वयं सहायता समूह ने भड़ेच ने बेग व अन्य घरेलु सामान का स्टॉल लगाया था परंतु चार दिन में औसतन बिक्री न होने पर निराश देखी गई । स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि आजकल घरों में घास इत्यादि काटने का काफी कार्य लगा है वह घर के कार्यों को छोड़ कर उत्सव में कमाने आई थी परंतु उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया ।
एमएसएमई के डीएफओ अशोक गौतम से जब इस बारे बात की गई उन्होने बताया कि इतने बड़े उत्सव में प्रदेश व अन्य राज्यों से आए निवेशकों को एमएसएमई मंत्रालय ने अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का मौका दिया था ।
फ्लाइंग फेस्टिवल में कम कारोबार होने से निवेशक और समूह की महिलाएं मायूस
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