मैहतपुर (ऊना)।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर मैहतपुर नगर में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। अनुशासन और उत्साह के साथ सैकड़ों स्वयंसेवकों ने भाग लिया। जिनका लोगों ने पुष्प वर्षा से स्वागत किया। पथ संचलन कार्यक्रम नगर परिषद मैहतपुर-बसदेहड़ा के वार्ड नंबर छह स्थित महाराणा प्रताप पार्क से शुरू होकर, ट्रक यूनियन व मुख्य बाजार से होते हुए एमसी पार्क में समाप्त हुुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि कुंवर शिवेंद्र पाल कुटलैहड़ उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता दीपक शर्मा ने संघ के उद्देश्य और शताब्दी वर्ष के महत्व पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण होने पर जिला भर में स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक अनुशासन में पथ संचलन निकाला। घोष की धुन पर पूर्ण गणवेश में कदमताल करते हुए सैंकड़ों स्वयंसेवकों ने करीब तीन किमी के पथ संचलन में भाग लिया तथा बड़ी संख्या स्वयंसेवक इसकी व्यवस्था में लगे। पथ संचलन को देखने के लिए लोग सडक़ किनारे उमड़े।
कॉलोनियों में गली किनारे तथा छतों से पुष्प वर्षा कर पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। पथ संचलन में बाल से लेकर प्रौढ़ स्वयंसेवक शामिल रहे। 86 वर्षीय वयोवृद्ध राम गोपाल स्वयंसेवक का उत्साह देखते ही बन रहा था। पथ संचलन कार्यक्रम में सबसे कम उम्र के स्वयंसेवक रिहान प्रभाकर के उत्साह को देखकर हर कोई हतप्रभ रह गया। शताब्दी वर्ष की अनुभूति हर स्वयंसेवक में नई ऊर्जा व दायित्व का बोध करा रही है। विजयदशमी पर वर्ष 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी।
मैहतपुर नगर कार्यवाह अंकुश ठाकुर व नगर संघचालक चंद्रशेखर आयोजित विजयदशमी उत्सव व पथ संचलन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। जबकि स्वदेशी जागरण मंच के जिला पूर्णकालिक प्रशिक्षक सत्यदेव शर्मा नगर परिषद मैहतपुर बसदेहड़ा के वार्ड नंबर छह स्थित महाराणा प्रताप पार्क में आयोजित कार्यक्रम में रहना हुआ।
शिवेंद्र पाल कुटलैहड़ ने संघ की स्थापना की आवश्यकता, उद्देश्य व उसकी 100 वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने समाज व स्वयंसेवकों से अपने जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के परम वैभव के लिए पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली एवं स्वदेशी को अपनाएं तथा नागरिक कर्तव्यों का पालन करें। विजयदशमी उत्सव के साथ ही संघ शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो गया जिसके अंतर्गत वर्षपर्यंत समाज द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें वृहद गृह संपर्क व हिंदू सम्मेलन प्रमुख है।









